May 14, 2025
National

सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर झारखंड में सियासी बवाल, झामुमो ने की सांसदी खत्म करने की मांग

Political uproar in Jharkhand over the statement of MP Nishikant Dubey, JMM demands to end his membership of the Parliament

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को लेकर गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी पर झारखंड में सियासी बवाल मच गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं ने दुबे के बयान को संविधान और लोकतंत्र विरोधी करार देते हुए उनकी सांसद पद समाप्त करने की मांग की है।

झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री इरफान अंसारी ने रविवार को जामताड़ा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “निशिकांत दुबे का बयान न केवल सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि यह देश की लोकतांत्रिक बुनियाद को भी कमजोर करता है। भाजपा अब न्यायपालिका को भी अपनी कठपुतली बनाना चाहती है, यह बेहद खतरनाक संकेत है।”

कांग्रेस नेता ने राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष से अपील की कि निशिकांत दुबे को संसद सदस्य पद से तत्काल बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। अंसारी ने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका- इन तीनों संवैधानिक स्तंभों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है। अगर न्यायपालिका ही सुरक्षित नहीं रही, तो लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं बचेगा।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय कमेटी के प्रमुख नेता विनोद पांडेय ने कहा है कि गोड्डा के निशिकांत दुबे ने भाजपा नेतृत्व के इशारे पर न्यायपालिका पर प्रहार किया है। उन्होंने कहा, “असल बात यह है कि भाजपा देश में मनुस्मृति लागू करना चाहती है। उन्हें देश के संवैधानिक ढांचे पर विश्वास ही नहीं है। चुनाव आयोग, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो सहित अन्य संवैधानिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर कब्जा किया जा चुका है। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों पर भी इन्हें आपत्ति है। आखिरकार भाजपा इस देश को कहां ले जाना चाहती है?”

झामुमो नेता ने सवाल उठाया कि भाजपा के नेताओं ने निशिकांत दुबे के बयान पर चुप्पी क्यों साध रखी है? बात-बात पर बयान जारी करने वाले बाबूलाल मरांडी जी क्यों नहीं इस पर स्थिति स्पष्ट करते? उन्होंने कहा कि न्यायपालिका पर देश के गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों का अटूट भरोसा है। भाजपा अब अपने नेताओं के जरिए न्यायपालिका पर हमले करा रही है। निशिकांत दुबे अपने मन से ऐसा नहीं बोल रहे हैं। इसके पीछे भाजपा और आरएसएस की विभाजनकारी सोच है।

पांडेय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को भी सांसद के बयान पर संज्ञान लेकर इनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

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