April 21, 2025
Himachal

राज्य के हितों की रक्षा के लिए 25 करोड़ रुपये लौटाए गए: मंत्री

Rs 25 crore returned to protect state’s interests: Minister

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा पर पलटवार करते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश द्वारा मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए दी गई 25 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को झूठे दावों के साथ लौटाने के मुद्दे पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

मेडिकल डिवाइस पार्क के संबंध में नड्डा के आरोपों का खंडन करते हुए मंत्रियों ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने 350 करोड़ रुपये की परियोजना को रद्द नहीं किया है, बल्कि उसने इस परियोजना को स्वतंत्र रूप से क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रस्तावित 100 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के लिए कई शर्तें लगाई थीं, जिससे अंततः राज्य के हितों को नुकसान पहुंचता। उन्होंने कहा, “इन तथ्यों के मद्देनजर ही सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 25 करोड़ रुपये का केंद्रीय वित्तपोषण वापस करने का फैसला किया।”

उन्होंने बताया, “अगर राज्य ने केंद्रीय फंडिंग स्वीकार कर ली होती, तो उसे उद्योगपतियों को 1 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर पर जमीन देने के लिए मजबूर होना पड़ता। इसका मतलब होता कि 300 एकड़ बेशकीमती जमीन, जिसकी कीमत करीब 500 करोड़ रुपए है, उसे सिर्फ 12 लाख रुपए में सौंपना पड़ता।” उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव राज्य के हित में नहीं है, इसलिए केंद्रीय फंडिंग वापस करने का यही कारण है।

उन्होंने कहा कि परियोजना की शर्तों के अनुसार राज्य को उद्योगपतियों को 3 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देनी थी, जबकि वह इसे बाजार से 7 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदता है। उन्होंने कहा, “शर्तों में 10 साल तक मुफ्त पानी, रखरखाव और गोदाम की व्यवस्था भी अनिवार्य थी, जिस पर राज्य को करोड़ों रुपये खर्च करने होंगे।” उन्होंने कहा कि राज्य को इस परियोजना से कोई जीएसटी राजस्व नहीं मिलेगा।

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