May 6, 2025
Uttar Pradesh

नारी वंदना का ढोंग रचने वाली भाजपाइयों की सोच महिला विरोधी : अखिलेश यादव

The thinking of BJP leaders who pretend to worship women is anti-women: Akhilesh Yadav

लखनऊ, 6 मई । समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महिलाओं को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले ही भाजपा के पूर्व रूप का ‘चाल, चरित्र और चेहरा’ ऐसा नहीं था कि वह सामने आकर मुंह दिखा सके, क्योंकि वे ऐसे काम, वारदात और साजिश-षड्यंत्र करते थे, जो देशभक्ति, नैतिकता और सामाजिकता के पैमाने पर नकारात्मक और अपराधात्मक माने जाते थे। इसलिए इनकी गतिविधियां हमेशा भूमिगत रहकर मुखबिरी के रूप में ही दबे-छिपे चलती रहीं।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबी पोस्ट में लिखा, “भाजपा ने कई बार रूप बदला, जिससे ये पहचाने न जा सकें। यही परंपरा आज भी जारी है। जब इनके समर्थक पीठ पीछे से कई अनाम नाम रखकर अपनी भूमिगत नकारात्मक भूमिका निभाते हैं और उनका विरोध करते हैं, जो इनकी सत्ता के लिए खतरा हैं।”

उन्होंने कहा कि मूल रूप से भाजपाई और उनके संगी-साथी, वे लोग रहे हैं, जो सत्ता पर परंपरागत रूप से अपनों को काबिज करवाए रखना चाहते थे। इसलिए राजनीति और अर्थव्यवस्था पर जिन लोगों का सदियों से वर्चस्व रहा है, उन लोगों ने परदे के पीछे से भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों का हमेशा से ‘बल-धन’ और ‘धन-बल’ से साथ दिया। भाजपाइयों ने कभी नहीं चाहा कि कोई और वर्ग या तबका राजनीतिक और आर्थिक रूप से शक्तिशाली हो। इसके साथ ही भाजपाइयों ने कभी ये भी नहीं चाहा कि जनता के अधिकार की बात हो। इसलिए ये जनता को शक्ति देने वाले संविधान के भी विरोधी रहे।

सपा मुखिया ने कहा, “भाजपाई ‘जिसकी शक्ति, उसके अधिकार’ की रूढ़िवादी सोच के लोग हैं, इसलिए सामाजिक क्षेत्र तक में ये शोषित, दमित, वंचित, पीड़ित के साथ-साथ महिलाओं को भी हमेशा हेय दृष्टि से देखते हैं। पुरुषवादी सामंती सोच आज भी नारी को मान, सम्मान या अभिव्यक्ति की आजादी नहीं देना चाहती है।”

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपाइयों की यही पुरुषवादी घिसी-पिटी पुरानी सोच ‘आधी आबादी’ अर्थात महिलाओं का मान नहीं करती है, बल्कि बालिका, युवती या नारी के रूप में, जब भी वे कुछ कहना-करना चाहती हैं, तो भाजपाई और उनके संगी-साथी सदैव वो मौका ढूंढते हैं, जब वे स्त्रियों का पारिवारिक, सामाजिक, सार्वजनिक अपमान कर सकें और उनके चरित्र तक पर कीचड़ उछालकर उनका मानसिक उत्पीड़न करके, नारी के विरोध करने की शक्ति के मनोबल को तोड़ सकें। भारतीय नारी का इतिहास इन रूढ़िवादी भाजपाई और उनके संगी-साथियों को इस महापाप के लिए कभी माफ नहीं करेगा।

अखिलेश यादव ने कहा, “पहलगाम के शहीद सैनिक की पत्नी द्वारा देशहित में ‘शांति और सौहार्द’ की अपील करने पर जिस तरह का दुर्व्यवहार और अपशब्द कहे जा रहे हैं, उससे हर महिला और सच्चा देशप्रेमी बहुत दुखी, आहत और शर्मिंदा है। अगर कोई साहसी महिला नैनीताल में भाईचारा बनाए रखने की कोशिश कर रही है या कोई गीत के माध्यम से भाजपाइयों का भंडाफोड़ कर रही है या कोई खोजी महिला पत्रकार कोई खुलासा कर रही है तो उसे अभद्रता व अनैतिकता की हर सीमा पार करके धमकाया जा रहा है, उसका लिखा दबाव डालकर हटवाया जा रहा है। भाजपा समर्थकों का ये कुकृत्य किसी भी माफी के योग्य नहीं है। ‘निंदनीय’ शब्द भी ऐसे भाजपाइयों और उनके नकारात्मक संगी-साथियों की निंदा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।”

उन्होंने कहा कि ‘नारी वंदना’ का ढोंग रचने वाली भाजपाई सोच वस्तुतः नारी विरोधी है। जिन्होंने अपनों को खोया है, असीम दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़े होने का समय है, जो साहस दिखा रही हैं, ऐसी महिलाओं के समर्थन में खुलकर सामने आने का समय है। भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों की ‘नारी विरोधी’ सोच और संकीर्ण विचारधारा को उजागर करने का वक्त आ गया है। आज देश की हर बालिका, युवती का यही ऐलान है कि हम भाजपा का महिला विरोधी चेहरा सबके सामने लाएंगे। सच्चाई तो ये है कि जो नारी के मान, गरिमा व प्रतिष्ठा का सम्मान नहीं करता है वो और उसका व्यवहार न तो ‘भारतीय’ हो सकता है, न ही ‘मानवीय’। भाजपा को अपने नाम में ‘भारतीय’ लगाने का नैतिक अधिकार भी नहीं है।

सपा मुखिया ने कहा कि हमारी पुरजोर अपील है कि महिला आयोग शाब्दिक औपचारिकता न निभाए और अगर कहीं है तो अपनी शक्ति दिखाए। कहीं है? कोई है।

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