मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सेमरिया विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने ‘तबादला नीति’ को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि इस तबादला नीति के जरिए सरकार पक्षपात, भेदभाव और तानाशाही रवैया अपनाए हुए है।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करने के साथ संवैधानिक प्रावधानों और जनप्रतिनिधियों की गरिमा को भी ठेस पहुंचा रही है। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि तबादला नीति पूरी तरह से जाति, वोट बैंक और आर्थिक लेन-देन पर आधारित है।
स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी है। यह नीति जनहित के लिए नहीं, बल्कि सत्ताधारी दल के हितों को साधने और अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि सेमरिया क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए एक वसूली अभियान चलाया जा रहा है, जो पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है।
कांग्रेस विधायक मिश्रा ने भाजपा सरकार पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार विपक्षी विधायकों की आवाज को दबाने और उनकी भूमिका को नकारने का प्रयास कर रही है। यदि विपक्षी जनप्रतिनिधियों की कोई भूमिका नहीं है, तो सरकार को इसे खुले तौर पर घोषित करना चाहिए। यह छिपी हुई तानाशाही संविधान के मूल भावों का अपमान है।
विधायक मिश्रा ने तबादला नीति में व्याप्त भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानांतरण के नाम पर बड़े पैमाने पर आर्थिक लेन-देन हो रहे हैं। जो अधिकारी और कर्मचारी सत्ताधारी दल के इशारों पर काम करते हैं, उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया जा रहा है, जबकि योग्य और निष्पक्ष लोगों को दरकिनार किया जा रहा है। यह नीति जनसेवा के लिए नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।
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