दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शहर में यातायात को सुचारू बनाने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए 12 महत्वपूर्ण गलियारों की पहचान की है। इन गलियारों पर तत्काल यातायात इंजीनियरिंग सुधार लागू किए जाएंगे। पुलिस ने इन क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया, जिसमें कई समस्याएं सामने आईं, जैसे मानसून के दौरान गंभीर जलजमाव और केंद्रीय कगार पर लोहे की रेलिंग का गायब होना, जिससे पैदल यात्रियों की सुरक्षा को खतरा है।
सर्वेक्षण के आधार पर, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ मिलकर इन गलियारों पर सुधार कार्य करेगी। इन सुधारों में सड़कों को चौड़ा करना, ट्रैफिक सिग्नल का अनुकूलन, साइनेज और मार्किंग में सुधार और जल निकासी की समस्याओं का समाधान शामिल है। पुलिस का कहना है कि इन कदमों से यातायात जाम को कम करने और वाहनों के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
पहचाने गए प्रमुख गलियारों में मंकी ब्रिज से मजनू का टीला तक रिंग रोड, पंचकुइया से फिल्मिस्तान तक रानी झांसी रोड, आजादपुर मंडी के सामने जीटीके रोड, आईआईटी फ्लाईओवर से मोदी मिल फ्लाईओवर तक आउटर रिंग रोड, आरटीआर से शिव मूर्ति तक एनएच-48, और सफदरजंग अस्पताल से धौला कुआं तक रिंग रोड शामिल हैं। इन क्षेत्रों में यातायात की भीड़भाड़ और सड़क सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं लंबे समय से चिंता का विषय रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, कई गलियारों पर सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और वरिष्ठ अधिकारियों को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई है। इस रिपोर्ट में संरचनात्मक उन्नयन और अन्य आवश्यक सुधारों की सिफारिश की गई है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि यह पहल शहर में यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने की दिशा में एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है। इन सुधारों को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाएगा, ताकि दिल्लीवासियों को जाम से राहत मिले और सड़कें सुरक्षित बनें।
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