मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित बेगमबाग इलाके में अतिक्रमण ध्वस्त करने पहुंची उज्जैन विकास प्राधिकरण और पुलिस की टीम ने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाया। इसके बाद स्थानीय लोगों और उज्जैन विकास प्राधिकरण की टीम ने अतिक्रमण के खिलाफ समन्वय के साथ कार्रवाई करने का फैसला किया। टीम ने ध्वस्तीकरण के खिलाफ चिन्हित किए गए कुल 28 प्रॉपर्टी में से 3 को ध्वस्त करने का फैसला आज (23 मई) किया है।
इससे पहले जब उज्जैन विकास प्राधिकरण की टीम पुलिस के साथ बेगमबाग इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची थी, तो स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था।
वहीं इस बारे में जानकारी देते हुए उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी ने आईएएनएस को बताया कि यह पूरा क्षेत्र लोगों को रहने के लिए लीज पर साल 1998 में दिया गया था। लेकिन, लोगों ने इसका बाद में व्यापारिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इसके अलावा, कई लोगों ने इसे रिन्यू भी नहीं कराया, जो पूरी तरह से लीज का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि इस बारे में कई बार उज्जैन विकास प्राधिकरण की तरफ से यहां के लोगों को नोटिस भी दिया गया कि वे इसका रिन्यू करा लें, लेकिन लोगों ने इसे अनदेखा किया। इसके बाद अब इस लीज को खत्म कर दिया गया है। अब लीज खत्म होने के बाद संपत्ति दोबारा से प्राधिकरण की हो जाती है। ऐसी स्थिति में अब यह संपत्ति प्राधिकरण की मानी जाएगी, जिस पर अगर कोई दूसरा व्यक्ति कोई काम करेगा, तो उसे अतिक्रमण ही माना जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि यहां पर व्यापारिक गतिविधियां चल रही हैं, जिसे देखते हुए पहले प्राधिकरण की तरफ से सभी सामानों को हटाया जा रहा है। इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वैसे तो प्राधिकरण की तरफ से 28 संपत्तियों को ध्वस्त करने का फैसला किया गया है, लेकिन अभी महज सिर्फ तीन संपत्तियों को ध्वस्त किया जाएगा, क्योंकि बाकी की प्रॉपर्टी का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जैसे ही कोर्ट की तरफ से इसे लेकर फैसला आ जाएगा, हम कार्रवाई शुरू कर देंगे।
एसीपी नितेश भार्गव ने बताया कि यहां उज्जैन विकास प्राधिकरण की टीम अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची। पुलिस की टीम भी आई है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा न हो। अभी मौके पर 150 पुलिस के जवान मौजूद हैं। हालांकि, पहले कुछ लोगों ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का विरोध किया था। लेकिन, बाद में इन लोगों को समझाया गया।
उन्होंने कहा कि सुबह पांच बजे से उज्जैन विकास प्राधिकरण और पुलिस की टीम यहां पर मौजूद है। लोगों को समझाया जा रहा है। कई लोग मान भी गए हैं, जिसके बाद वे स्वेच्छा से अपना घर खाली करके टीम का सहयोग कर रहे हैं।
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