June 7, 2025
National

केंद्र ने ‘पंजीकरण विधेयक 2025’ के ड्राफ्ट पर जनता से 30 दिनों के भीतर मांगे सुझाव

The Center has sought suggestions from the public within 30 days on the draft of ‘Registration Bill 2025’

भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग ने अचल संपत्ति और अन्य लेन-देन के लिए आधुनिक, ऑनलाइन, कागज रहित और नागरिक-केंद्रित पंजीकरण प्रणाली के साथ इंटीग्रेट करने के लिए ‘पंजीकरण विधेयक 2025’ का ड्राफ्ट तैयार किया है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार, एक बार अधिनियमित होने के बाद विधेयक संविधान-पूर्व पंजीकरण अधिनियम, 1908 की जगह ले लेगा।

पूर्व-विधायी परामर्श प्रक्रिया के एक भाग के रूप में, ‘पंजीकरण विधेयक, 2025’ के ड्राफ्ट को भूमि संसाधन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। ताकि 30 दिनों के भीतर (25 जून को या उससे पहले) एक निर्धारित प्रारूप में जनता से सुझाव आमंत्रित किए जा सकें।

मंत्रालय के अनुसार, पंजीकरण अधिनियम, 1908 ने एक सदी से भी अधिक समय से भारत में दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली की आधारशिला के रूप में काम किया है। यह अचल संपत्ति और अन्य लेन-देन को प्रभावित करने वाले दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए एक कानूनी आधार प्रदान करता है। समय के साथ, सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के लेन-देन में पंजीकृत दस्तावेजों की भूमिका बढ़ी है, जो अक्सर वित्तीय, प्रशासनिक और कानूनी निर्णय लेने का आधार बनते हैं। इसलिए यह जरूरी माना गया है कि पंजीकरण की प्रक्रिया मजबूत, विश्वसनीय हो।

इसके अलावा, हाल के वर्षों में, टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल, सामाजिक-आर्थिक प्रथाओं के विकास और उचित परिश्रम, सेवा वितरण और कानूनी निर्णय के लिए पंजीकृत दस्तावेजों पर बढ़ती निर्भरता ने एक दूरदर्शी पंजीकरण ढांचा बनाने की आवश्यकता को दर्शाया है।

कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले से ही मौजूदा 1908 अधिनियम के तहत ऑनलाइन दस्तावेज जमा करने और डिजिटल पहचान सत्यापन जैसे इनोवेशन की शुरुआत कर ली है।

मंत्रालय के बयान के अनुसार, इसके अलावा, पंजीकरण अधिकारियों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से चित्रित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, ताकि वे लागू कानून के अनुरूप पंजीकरण प्रक्रिया की अखंडता और विश्वसनीयता को बनाए रख सकें।

इन प्रगति के आधार पर, अब पूरे देश में सुरक्षित, कुशल और नागरिक-केंद्रित पंजीकरण प्रथाओं का समर्थन करने के लिए एक सामंजस्यपूर्ण और सक्षम विधायी ढांचा प्रदान करने की जरूरत है। पंजीकरण विधेयक, 2025 को इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए पेश किया गया है।

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