June 3, 2025
National

पूर्वोत्तर में बारिश से प्रभावित लोगों के लिए जेपी नड्डा ने जताई चिंता, भाजपा कार्यकर्ताओं को दिए निर्देश

JP Nadda expressed concern for the people affected by rain in the Northeast, gave instructions to BJP workers

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। इसी बीच, सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने कई हिस्सों में हो रही लगातार भारी बारिश पर गहरी चिंता जताई है।

जे.पी. नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और भाजपा की राज्य इकाइयों और कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने का निर्देश दिया है।

नड्डा ने अपनी पोस्ट में लिखा, “पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश से प्रभावित लोगों के लिए मैं बहुत चिंतित हूं। मैंने भाजपा की राज्य इकाइयों और कार्यकर्ताओं को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। मैं प्रभावित क्षेत्रों में सभी से आग्रह करता हूं कि वे आवश्यक सावधानी बरतें, अनावश्यक यात्रा से बचें और स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करें।”

इससे पहले, रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम (हिमंत बिस्वा सरमा), अरुणाचल प्रदेश (पेमा खांडू) और सिक्किम (प्रेम सिंह तमांग) के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल (अजय कुमार भल्ला) से टेलीफोन पर बातचीत कर बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली थी।

गृह मंत्री ने बाढ़ प्रभावित राज्यों को केंद्र सरकार की मदद का भी आश्वासन दिया था। एक एक्स पोस्ट में गृह मंत्री ने बताया था कि असम, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से उनके राज्यों में जारी भारी बारिश के मद्देनजर बात की। साथ ही उन्हें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के समर्थन में चट्टान की तरह खड़ी है।

विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकारियों के अनुसार, 29 मई से जारी बारिश और बाढ़ के दौरान हुई 34 मौतों में असम में कम से कम 10 लोग मारे गए, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में नौ, मेघालय और मिजोरम में छह-छह, त्रिपुरा में दो और नागालैंड में एक व्यक्ति की मौत हुई।

पूर्वोत्तर राज्यों के आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि ये मौतें डूबने, भूस्खलन और जलभराव के कारण हुई हैं।

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