आगामी मानसून सीजन के मद्देनजर उपायुक्त प्रीति ने सोमवार को अपने कार्यालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें जिले भर में नालों, सीवर लाइनों और जल चैनलों की समय पर और प्रभावी सफाई की आवश्यकता पर बल दिया गया।
उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया कि वे सभी जल निकासी और सीवर प्रणालियों की सफाई सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि विभागों के बीच आवश्यक समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए और यदि आवश्यक हो, तो प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मनरेगा से भी सहायता ली जा सकती है। उन्होंने कहा, “इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के स्पष्ट निर्देशों का हवाला देते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव को रोकने के लिए मानसून से संबंधित सभी सफाई कार्य 10 जून से पहले पूरे कर लिए जाएं। पिछले वर्षों में जिन क्षेत्रों में जलभराव हुआ है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
डीसी ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए कि सभी शहरी क्षेत्रों में सीवर सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। पॉलीथिन या अन्य कचरे से जाम हुए नालों और सीवरों की तुरंत सफाई की जाए। पार्कों में वर्षा जल संचयन प्रणाली को चालू किया जाए और जहां भी आवश्यक हो वहां सोख्ता गड्ढे बनाए जाएं।
उन्होंने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों में सभी नालों और सीवर लाइनों की सफाई सुनिश्चित करें और प्रगति की निगरानी करें। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी नहरों और नालों की सफाई का काम मनरेगा या अन्य उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से मानकों के अनुसार पूरा करें।
जिला परिषद के डिप्टी सीईओ को निर्देश दिए गए कि वे गांव के तालाबों से पानी की निकासी पहले से ही सुनिश्चित करें, ताकि वर्षा जल का कुशलतापूर्वक भंडारण किया जा सके। उन्होंने सिंचाई से संबंधित कार्यों के लिए मनरेगा के तहत मस्टर रोल तुरंत जारी करने पर भी जोर दिया।
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