June 13, 2025
Himachal

हिमाचल सरकार जल्द ही आलू के लिए समर्थन मूल्य घोषित करेगी: सुखू

Himachal government will soon declare support price for potatoes: Sukhu

मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही आलू की खरीद के लिए समर्थन मूल्य की घोषणा करेगी तथा ऊना जिले में 20 करोड़ रुपये की लागत से आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करेगी।

मुख्यमंत्री ने आज यहां हिमाचल प्रदेश पुनरोद्धार वर्षा आधारित कृषि नेटवर्क द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय बहु-हितधारक परामर्श सम्मेलन की अध्यक्षता की।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और किसानों को समर्थन देने के लिए जल्द ही आलू का समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा।’’

सुखू ने कहा कि राज्य सरकार हरित ऊर्जा और प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा, “प्राकृतिक खेती के माध्यम से उत्पादित फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले ही तय किया जा चुका है और आने वाले समय में इसे और बढ़ाया जाएगा।”

प्राकृतिक खेती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आगामी वर्ष में कई नई योजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी।

सुखू ने कहा कि देश के पूर्वोत्तर राज्यों के बाद हिमाचल प्रदेश में कैंसर के मामलों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है। इसका मूल कारण जानने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खान-पान की आदतों में बदलाव भी कैंसर के मामलों में वृद्धि का मुख्य कारण हो सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 80 प्रतिशत आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है और यह क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 14 प्रतिशत का योगदान देता है। उन्होंने मौसम के बदलते मिजाज पर चिंता व्यक्त की, जिसका कृषि क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन की इस चुनौती का सामना जलवायु-सहिष्णु कृषि, दालों को बढ़ावा, व्यापक पशुपालन, पारंपरिक बीजों का अधिक उपयोग, जल सुरक्षा और मृदा संरक्षण पर जोर देकर प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।”

सुखू ने कहा कि प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाए जाने वाले पारंपरिक बीज और फसलें पोषण से भरपूर होती हैं और उन्हें कम पानी की भी आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा, “हमें ऐसी पारंपरिक फसलों का पुनः उपयोग करने की आवश्यकता है और भविष्य की पीढ़ियों को पौष्टिक भोजन और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान के माध्यम से इनमें और सुधार किया जाना चाहिए।”

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती के अनुभवों पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन भी किया। उन्होंने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की सराहना की तथा इस कृषि पद्धति को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी।

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित नेक राम शर्मा ने मुख्यमंत्री को सम्मेलन के बारे में अवगत करवाया तथा जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के साथ-साथ बाजरे के महत्व पर चर्चा की।

इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हरिमन, कृषि विशेषज्ञ डॉ. सब्यसाची दास, कृषि विशेषज्ञ, कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, हितधारक और कृषि विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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