अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की मेजबानी को लेकर भारत में सियासी हलचल तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने इस मुलाकात पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। राउत ने जनरल मुनीर को कश्मीर के पहलगाम हमले का जिम्मेदार ठहराते हुए इस निमंत्रण को भारत के लिए अपमानजनक बताया।
राउत ने कहा, “पाकिस्तान के जनरल असीम मुनीर, जिन्हें भारत पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मानता है, उन्हें व्हाइट हाउस में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। यह हमारे देश के लिए चौंकाने वाला है। जनरल मुनीर पर हमारी बहनों के सिंदूर को नष्ट करने का आरोप है, फिर भी राष्ट्रपति ट्रंप उनका सम्मान कर रहे हैं। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की क्या राय है? हम यह जानना चाहते हैं। सरकार को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।”
राउत ने इस मौके पर शिवसेना के 59वें स्थापना दिवस का जिक्र करते हुए कहा कि यह मुकाम हासिल करना आसान नहीं था। शिवसेना की यात्रा संघर्षों, बलिदानों और अड़चनों से भरी रही है। बालासाहेब ठाकरे ने इस पार्टी को उस मुकाम तक पहुंचाया। हमने कई हमले सहे और आगे भी सहेंगे। शिवसेना ने विपक्ष में रहकर भी उल्लेखनीय कार्य किया और सत्ता में रहते हुए भी जनहित के निर्णय लिए। शिवसेना कभी सत्ता के लिए नहीं झुकी और न ही समझौते किए।
उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा, “आज देश में डी कंपनी का शासन है। भाजपा यानी ‘डरपोक’ सरकार दिल्ली में चल रही है। केवल शिवसेना ही इन डरपोकों और देशद्रोहियों के खिलाफ सीना ठोककर लड़ रही है।”
राउत ने महाराष्ट्र में शिंदे गुट पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका लक्ष्य राज्य को नुकसान पहुंचाना है। ऐसा गुट यदि सत्ता में रहा, तो यह शाहू, फुले, और आंबेडकर के महाराष्ट्र का दुर्भाग्य होगा।”
उन्होंने शिंदे गुट पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी शिवसेना नकली है और उनके पोस्टरों पर बालासाहेब ठाकरे का फोटो लगाना ढोंग है। उनके असली नेता मोदी और अमित शाह हैं। उन्हें गुजरात में स्थापना दिवस मनाना चाहिए; महाराष्ट्र से उनका कोई लेना-देना नहीं है।”
राउत ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एकजुट होने की संभावना पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे अगर साथ आएं और महाराष्ट्र की बागडोर संभालें, तो यह जनता की इच्छा है। यह एक भावनात्मक विषय है, और मुझे लगता है कि उद्धव ठाकरे आज शाम के कार्यक्रम में इस पर अपनी भूमिका स्पष्ट करेंगे। हम महाराष्ट्र की जनता से कहना चाहते हैं कि मराठी व्यक्ति के कल्याण, राज्य के स्वाभिमान और मुंबई के अधिकार के लिए बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना त्याग करने को तैयार है।”
राउत ने महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के भविष्य पर भी टिप्पणी की और कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन मजबूती से लड़ेगा। शिवसेना एमवीए के साथ है, लेकिन अपने हिंदुत्व, मराठी अस्मिता और अन्याय के खिलाफ लड़ाई के विचारों को कभी नहीं छोड़ेगी।”
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