June 26, 2025
National

झारखंड को ‘बांग्लादेशी जमाई टोले’ से मुक्ति दिलाने के लिए आजादी की तीसरी लड़ाई जरूरी : गिरिराज सिंह

The third war of independence is necessary to free Jharkhand from the ‘Bangladeshi Jamai Tola’: Giriraj Singh

केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने 50 साल पहले देश में लागू हुए आपातकाल को लेकर कांग्रेस पार्टी और झारखंड में बांग्लादेशियों की घुसपैठ के मुद्दे पर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर जोरदार जुबानी हमले किए हैं।

झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यालय में गुरुवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के ‘जमाई टोले’ बसा दिए हैं और इसके कारण राज्य में आदिवासियों के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी के शासनकाल में थोपे गए आपातकाल के खिलाफ देश ने आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ी थी और आज झारखंड को ‘जमाई टोला’ से मुक्ति दिलाने के लिए आजादी की तीसरी लड़ाई की जरूरत है। वह राज्य के युवाओं से इस लड़ाई में आगे आने की अपील करते हैं।

गिरिराज सिंह ने कहा कि आज देश में 50 वर्ष से कम उम्र वाले लोगों की आबादी 105 करोड़ है, जिन्हें यह बताने की जरूरत है कि इस देश में इंदिरा गांधी नामक प्रधानमंत्री हुई थीं, जिन्होंने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ फैसला आने के बाद असंवैधानिक तरीके से आपातकाल लागू कर लोकतंत्र की हत्या कर दी थी। उस दौरान दो लाख से अधिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बिना किसी जुर्म के जेल में डाल दिया गया था। तानाशाह सरकार ने 25 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी थी। लोगों को जबरन पकड़-पकड़कर नसबंदी कराई गई थी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी वंशवाद की बदौलत राजनीति और सरकार में आई थीं। वंशवाद और लोकतंत्र कभी एक-दूसरे के पूरक नहीं हो सकते।

उन्होंने कहा कि आज भले ही मस्जिदों से कांग्रेस के पक्ष में फतवे जारी किए जाते हैं, लेकिन आपातकाल के दौरान इंदिरा जी ने मस्जिदों और मंदिरों पर हमले करवाए थे। मस्जिदों से उस वक्त 77 हजार लोग विस्थापित हुए थे। आज राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस सरकार के उस कुकृत्य के लिए देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए।

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