June 27, 2025
National

साइबर अपराधियों पर सीबीआई का शिकंजा, 5 राज्यों में छापेमारी, 9 गिरफ्तार

CBI tightens its grip on cyber criminals, raids in 5 states, 9 arrested

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने साइबर अपराधों और डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स पर शिकंजा कसते हुए एक बड़ी कार्रवाई की। ऑपरेशन चक्र-5 के तहत सीबीआई ने पांच राज्यों (राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश) में 42 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।

यह कार्रवाई उन म्यूल बैंक खातों के खिलाफ की गई, जो संगठित साइबर अपराधियों द्वारा यूपीआई धोखाधड़ी, फर्जी विज्ञापनों, निवेश धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स में प्रयोग किए जा रहे थे।

सीबीआई की शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ कि देशभर की 700 से अधिक बैंक शाखाओं में लगभग 8.5 लाख म्यूल अकाउंट्स खोले गए थे। ये खाते या तो फर्जी केवाईसी के आधार पर खोले गए या फिर ग्राहक सत्यापन और जोखिम मूल्यांकन की प्रक्रियाएं पूरी तरह से नजरअंदाज की गईं।

इसके बाद, बैंक प्रबंधकों ने संदिग्ध लेनदेन पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई और कई मामलों में खाताधारकों को पहचान पत्र या धन्यवाद पत्र तक नहीं भेजे गए, जो नियमों का उल्लंघन है।

सीबीआई की मानें तो इस पूरे घोटाले में कुछ बैंक अधिकारियों, एजेंटों, बैंक कॉरेस्पॉन्डेंट्स, ई-मित्रों और बिचौलियों की मिलीभगत पाई गई है। ये लोग म्यूल खातों को खोलने और साइबर फ्रॉड की रकम को ठिकाने लगाने में अहम भूमिका निभा रहे थे।

सीबीआई ने इस मामले में 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एजेंट, मिडिल मैन, खाता धारक, एग्रीगेटर और बैंक कर्मी शामिल हैं। इसके अलावा, जांच एजेंसी ने मोबाइल फोन, खाता खोलने से जुड़े दस्तावेज, लेन-देन विवरण, केवाईसी दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी जब्त किए हैं।

इस पूरे मामले में सीबीआई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और जाली दस्तावेज के प्रयोग जैसे गंभीर अपराधों के तहत एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।

सीबीआई ने अपने प्रेस बयान में कहा कि यह कार्रवाई भारत सरकार के साइबर अपराधों के विरुद्ध सख्त रुख और ऐसे अपराधों के जड़ों को खत्म करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया गया है और जांच अब भी जारी है।

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