July 12, 2025
National

बिहार में कारोबारियों की हत्या चिंता का विषय: सुप्रिया श्रीनेत

Killing of businessmen in Bihar is a matter of concern: Supriya Srinet

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर फिक्र जाहिर की है। उन्होंने इसके लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनके अनुसार दिनदहाड़े कारोबारियों की हत्या ‘बेलगाम होते अपराध’ का संकेत देती है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध बेलगाम हो चुका है, खासकर राजधानी पटना में दिनदहाड़े कारोबारियों की हत्या हो रही है। उन्होंने गोपाल खेमका और रमाकांत यादव की हत्याओं का जिक्र करते हुए कहा, “शूटर बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पा रही।”

श्रीनेत ने प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराध पर भी फिक्र जाहिर की। बोलीं, “राज्य में 2.12 लाख से अधिक महिलाएं अपराध का शिकार हुई हैं, जिनमें 98 फीसद मामले लंबित हैं। इसके अलावा, 62,000 से अधिक बच्चों के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं। बिहार में न महिलाएं सुरक्षित हैं, न बच्चे, न कारोबारी। हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों में बिहार देश में दूसरे स्थान पर है।”

उन्होंने मुजफ्फरपुर में एक बच्ची की आठ घंटे तक एम्बुलेंस में तड़पने के बाद मौत का उदाहरण देते हुए प्रशासन की नाकामी पर सवाल उठाया।

कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रदेश सरकार पर संगठित अपराध को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया। कहा, “सरकार यह दावा करती है कि संगठित अपराध नहीं हो रहे, लेकिन यह बात उन परिवारों से कहें जिन्होंने अपनों को खोया है। अपराध, अपराध होता है, चाहे संगठित हो या असंगठित। सरकार अपराध रोकने में नाकाम है।”

चुनाव आयोग की साख पर भी श्रीनेत ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड के इस्तेमाल की बात कही है, लेकिन बिहार में वोटर लिस्ट के लिए विशेष गहन समीक्षा (एसआईआर) की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।

उन्होंने पूछा, “जब जनवरी में समीक्षा हो चुकी थी, तो छह महीने बाद फिर से यह प्रक्रिया क्यों? पटना में आधार मान्य है, लेकिन सीमांचल में नहीं। यह दोहरा मापदंड क्यों?”

Leave feedback about this

  • Service