बिहार में 1 अगस्त से 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने इसे चुनावी हथकंडा करार देते हुए नीतीश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए।
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में बीते 20 सालों के शासन में विकास के नाम पर केवल वादे किए गए और राज्य हर क्षेत्र में पिछड़ता चला गया। कांग्रेस नेता ने बिहार में स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली बिल को तीन-चार गुना बढ़ाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता ने आईएएनएस के साथ खास बातचीत में कहा कि स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली का खर्च तीन-चार गुना बढ़ गया है। निजीकरण के बाद बिजली कंपनियों के खिलाफ आंदोलन हुए, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। 125 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा को विपक्ष ने चुनावी स्टंट बताया।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले जनता को लुभाने के लिए ऐसी घोषणाएं आम हैं, लेकिन बिहार के लोग अब इन वादों को समझ चुके हैं। नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए अखिलेश सिंह ने कहा कि औद्योगीकरण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में बिहार 28 बड़े राज्यों में सबसे निचले पायदान पर है। बिहार की कानून-व्यवस्था पर भी कांग्रेस नेता ने नीतीश सरकार को घेरा।
उन्होंने कहा कि राजधानी पटना में अपराध चरम पर है। हाल ही में एक अस्पताल के आईसीयू में घुसकर अपराधियों ने हत्या की, जो कानून-व्यवस्था की बदहाली को दर्शाता है। पिछले एक साल में अकेले पटना में 120 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं। उन्होंने नीतीश कुमार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की “कठपुतली” बताते हुए कहा कि उनकी सरकार को भाजपा के नेतृत्व ने बंधक बना लिया है। आगामी चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जनता नीतीश सरकार को सबक सिखाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर भी विपक्ष ने तंज कसा। नेताओं ने कहा कि दस साल पहले भी पीएम ने मोतिहारी में बंद चीनी मिल को चालू करने का वादा किया था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ। 1.25 लाख करोड़ और 1.80 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणाएं भी बिहार को “सिंगापुर” बनाने का सपना दिखाने तक सीमित रहीं। कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार की जनता अब इन वादों का सच जान चुकी है और जवाब मांगेगी।
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