हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने आज चार नई आईटी आधारित प्रणालियां शुरू कीं, जिनमें एक ऑनलाइन यात्रा पास प्रणाली भी शामिल है। इसके अलावा, परिचालन दक्षता, यात्री सुविधा, सुरक्षा उपाय और राजस्व सृजन बढ़ाने के लिए अन्य उपाय भी किए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में यहाँ हुई एचआरटीसी और बस अड्डा प्रबंधन एवं विकास प्राधिकरण के निदेशक मंडल की बैठक में ये निर्णय लिए गए। डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग के सहयोग से विकसित चार नई आईटी-आधारित प्रणालियों का शुभारंभ किया गया। इनमें एक ऑनलाइन यात्रा पास प्रणाली भी शामिल है, जिससे स्कूल और कॉलेज के छात्र, सरकारी कर्मचारी और व्यापारी रियायती पास के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, डिजिटल रूप से शुल्क का भुगतान कर सकेंगे और आरएफआईडी-आधारित स्मार्ट कार्ड प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, “अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने और राजस्व बढ़ाने के लिए, शिमला के आसपास के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले पर्यटक दिवस सर्किट शुरू किए जाएँगे।” उन्होंने कहा कि बस मार्गों पर भोजनालयों को सूचीबद्ध करने के लिए एक ढाबा नीति भी लागू की जाएगी, जिसमें स्वच्छता और यात्री सुविधा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
बोर्ड ने ‘हिम बस प्लस’ योजना शुरू करने को मंज़ूरी दे दी है जो पहचान प्रबंधन को कैशलेस भुगतान के साथ एकीकृत करती है। इस योजना के तहत, यात्रियों को वोल्वो बसों सहित सभी एचआरटीसी बसों के किराए में पाँच प्रतिशत की छूट मिलेगी।
अग्निहोत्री ने बताया कि शिमला में 82 बसों के लिए जीपीएस आधारित ट्रैकिंग प्रणाली शुरू की गई है, जिसे बाद में एचआरटीसी बसों के पूरे बेड़े में लागू किया जाएगा। इसके अलावा, विभिन्न बस अड्डों की मरम्मत और रखरखाव तथा सभी बस टर्मिनलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने पर 7 करोड़ रुपये खर्च किए जाएँगे।
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