July 31, 2025
National

अमेरिकी टैरिफ पर हन्नान मोल्लाह बोले, ‘आम जनता को होगा नुकसान’

Hannan Mollah said on US tariff, ‘Common people will suffer’

सीपीआई (एम) नेता हन्नान मोल्लाह ने अमेरिका की ओर से 25 फीसदी टैरिफ लगाए जाने को चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा इससे आम लोगों को काफी नुकसान होगा। वहीं उन्होंने केंद्र की कोशिशों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सिर्फ स्थिति को संभालते हुए समझौते का रास्ता अपनाने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि सरकार के मौजूदा रवैये से यह साफ जाहिर हो रहा है कि यह लोग दोहरा पैमाना अपना रहे हैं। अंदर कुछ और बाहर कुछ और बोल रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। जिस तरह से इन लोगों ने ब्रिटेन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया था, अब यह लोग उसी प्रकार का समझौता अमेरिका के साथ भी करने का विचार कर रहे हैं। इससे सिर्फ आम जनता को ही परेशानी होगी।

सीपीएम नेता ने अमेरिका और भारत की कृषि प्रणाली के बीच के अंतर पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भारत में एक किसान को धान उत्पादन करने में कुल लागत दो से ढाई हजार रुपये आती है, जबकि अमेरिका में धान के उत्पाद में वहां के किसान को केवल एक हजार रुपये की लागत आ रही है। ऐसी स्थिति में अमेरिका अगर चाहे तो मुफ्त में भी हमारे अनाज का वितरण कर सकता है। उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, जबकि हमें फर्क पड़ सकता है।”

उन्होंने दावा किया कि हमारे देश में आठ करोड़ महिलाओं की जीविका गाय पालन पर आश्रित है। इसके अलावा, करोड़ों किसान ऐसे हैं जिनकी जीविका का माध्यम ही डेयरी और मत्स्य पालन है। ऐसी स्थिति में अगर ट्रंप के टैरिफ में की गई बढ़ोतरी को जमीन पर लागू किया गया, तो निश्चित तौर पर इसका असर यहां रहने वाले लोगों पर पड़ेगा। केंद्र सरकार को इस दिशा में कोई कदम उठाना चाहिए। लेकिन अफसोस, सरकार इस दिशा में कोई भी कदम उठाती हुई नजर नहीं आ रही है, क्योंकि अमेरिका दबाव डाल रहा है। इसी को देखते हुए हम 13 अगस्त को देशभर में ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

सीपीएम नेता ने राष्ट्रपति ट्रंप की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया में दबाव डालने की कोशिश कर रहा है। वो अपने उत्पादों को भी पूरी दुनिया में बेचना चाह रहा है। अगर हम अमेरिका के सामान को भारतीय बाजार में नहीं बेचने देंगे, तो वो हमारे उत्पादों को भी अपने बाजार में नहीं बेचने देगा। हालांकि, हमारे किसानों ने ऐलान कर दिया है कि हम अपने उत्पादों को सस्ते दामों में बाजारों में नहीं बेचने देंगे। अगर ऐसा किया जाएगा, तो निश्चित तौर पर किसानों और सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा होगी। अगर विदेश से सस्ते उत्पादों की भारतीयों बाजारों में आमद होगी, तो हमारे किसान भाइयों का क्या होगा?

वहीं, मालेगांव ब्लास्ट को लेकर कोर्ट के फैसले पर कहा कि सभी को पता है कि आखिर इस हमले के पीछे किसका हाथ था। लेकिन, इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि सांप्रदायिक तत्वों को लगातार राजनीतिक और न्यायिक संरक्षण प्राप्त हो रहा है।

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