कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में मतदाता सूचियों के राज्यव्यापी गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में अनियमितताओं और बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाए जाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने लोकसभा के महासचिव को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
मणिकम टैगोर ने अपने पत्र में बताया कि विशेष रूप से बिहार में चल रहे पुनरीक्षण के दौरान 12 फीसद से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। इसके अलावा, अनुचित तरीके से नाम जोड़े जाने की शिकायतें भी सामने आई हैं। उन्होंने इस प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह नागरिकों के मतदान के मौलिक अधिकार को प्रभावित कर रहा है।
उन्होंने चिंता जताई कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की अनुमति बार-बार नकारे जाने से न केवल सदन की निगरानी की भूमिका कमजोर हो रही है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता का भरोसा भी डगमगा रहा है। उन्होंने मांग की है कि सदन अपनी नियमित कार्यवाही स्थगित कर इस गंभीर मामले पर तुरंत चर्चा करे।
उन्होंने अपने पत्र में कहा कि यह प्रस्ताव लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मतदाता सूची में अनियमितताओं का यह मुद्दा न केवल बिहार बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी चिंता का विषय बन सकता है।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने मतदाता सूची पुनरीक्षण कराए जाने की प्रक्रिया शुरू की है। चुनाव आयोग ने इसके तहत मतदाता सूची को शुद्ध करने की बात कही है। फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा रहा है। इसके अलावा जिन मतदाताओं की मृत्यू हो गई, उनका नाम हटाया जा रहा है। विपक्षी दलों का दावा है कि इस प्रक्रिया के तहत पात्र मतदाताओं के नाम भी मतदाता सूची से हटाकर उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
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