केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इंटरपोल चैनलों के माध्यम से अजरबैजान से फरार आरोपी सुनील कुमार को सफलतापूर्वक भारत वापस लाने में बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी सुनील कुमार झारखंड पुलिस का वांछित अपराधी है, जिस पर रंगदारी वसूली का मामला दर्ज है।
सीबीआई की इंटरनेशनल पुलिस कोऑपरेशन यूनिट (आईपीसीयू) ने एनसीबी-बाकू के सहयोग से 23 अगस्त को आरोपी को भारत लाने की प्रक्रिया पूरी की। झारखंड पुलिस की तीन सदस्यीय टीम 19 अगस्त 2025 को अजरबैजान की राजधानी बाकू गई और वहीं से आरोपी को लेकर मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी।
आरोपी सुनील कुमार झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू के गिरोह का सदस्य है और ‘मयंक सिंह’ नाम से फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर रहा था। अमन साहू का गिरोह संगठित आपराधिक गिरोह के रूप में सक्रिय है और व्यवसायियों, कोयला परिवहनकर्ताओं तथा रेलवे ठेकेदारों को धमकी देकर रंगदारी वसूलने का काम करता है। झारखंड के भदानीनगर थाना क्षेत्र के पतरातू में दर्ज एफआईआर नंबर 175/2022 में सुनील कुमार पर व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से धमकी देकर रंगदारी मांगने का आरोप है। उसके खिलाफ कई राज्यों में भी मामले दर्ज हैं।
सीबीआई ने झारखंड पुलिस के अनुरोध पर इस मामले में इंटरपोल के जरिए 10 अक्टूबर 2024 को रेड नोटिस जारी कराया था। इसके बाद 7 जनवरी 2025 को अज़रबैजान प्राधिकरण को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया। इसी कड़ी में झारखंड पुलिस की टीम को आरोपी को वापस लाने के लिए तैनात किया गया।
इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा जाता है ताकि वांछित अपराधियों का पता लगाया जा सके। भारत में इंटरपोल की नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (एनसीबी) के रूप में सीबीआई काम करती है और भारतपोल प्लेटफॉर्म के जरिए सभी एजेंसियों से समन्वय करती है। पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल चैनलों के जरिए 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया जा चुका है।
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