आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा ने गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या पर एक नया इतिहास रच दिया। इस साल शहर में लगभग 7,400 पर्यावरण-अनुकूल गणेश प्रतिमाएं बनाकर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है। सांसद केसिनेनी शिवनाथ ने पत्रकारों से बातचीत में इस उपलब्धि पर गर्व जताया और कहा कि यह शहर के लिए गर्व का पल है।
शिवनाथ ने बताया कि पिछले एक साल में विजयवाड़ा ने योग और ‘फ्रेंडली गणेश’ पहल के जरिए कई रिकॉर्ड बनाए हैं। उन्होंने कहा, “एक नागरिक के रूप में मुझे खुशी है कि हमने पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने वाली मूर्तियां बनाईं। यह कीर्तिमान जिला प्रशासन, स्कूली बच्चों और कॉलेज छात्रों की मेहनत से संभव हुआ।”
उनके मुताबिक, इस पहल का मकसद पर्यावरण के साथ त्योहार मनाने का संदेश देना है। मिट्टी और प्राकृतिक सामग्री से बनी इन प्रतिमाओं से प्रदूषण कम होगा। स्कूल और कॉलेज के बच्चों ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई, जिनकी मेहनत सराहनीय है। उन्होंने जिला प्रशासन की भी तारीफ की, जिसने आयोजन को सफल बनाने में मदद की।
सांसद ने लोगों से अपील की कि वे गणेश चतुर्थी को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनाएं। उन्होंने कहा, “इस रिकॉर्ड ने विजयवाड़ा को गौरवान्वित किया है। सभी विजेताओं, प्रतिभागियों और जिला प्रशासन का धन्यवाद, जिन्होंने कड़ी मेहनत से यह संभव किया।”
उन्होंने सभी को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि यह पहल भविष्य में भी जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न सिर्फ एक रिकॉर्ड है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम भी है। विजयवाड़ा के लोग इस पहल से प्रेरित होकर अब त्योहारों को हरा-भरा बनाने की ओर बढ़ रहे हैं।
बता दें कि गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है। यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर 10 दिन तक चलता है। भक्त मिट्टी की गणेश मूर्तियों की स्थापना करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। गणेश जी को बुद्धि, समृद्धि और विघ्नहर्ता माना जाता है। महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में यह त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
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