मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि हिमाचल के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा तथा 180 मेगावाट बैरा स्यूल जलविद्युत परियोजना के अधिग्रहण के लिए राष्ट्रीय जल विद्युत निगम (एनएचपीसी) को नोटिस जारी कर दिया गया है।
चंबा विधायक नीरज नैयर के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि हिमाचल अपने वाजिब अधिकारों के लिए लड़ेगा। उन्होंने आगे कहा, “सितंबर में राज्य सरकार सभी परियोजनाओं और उनसे हिमाचल को मिलने वाले लाभों की समीक्षा करेगी। 40 साल तक बिजली उत्पादन के बाद जलविद्युत परियोजनाओं का अधिग्रहण करने की प्रथा दुनिया भर में प्रचलित है।”
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए अदालतों में शीर्ष वकीलों को लगाया गया है ताकि नियमों के अनुसार, एक प्रतिशत धनराशि स्थानीय क्षेत्र के विकास पर खर्च की जा सके। उन्होंने सदन को यह भी आश्वासन दिया कि विस्थापितों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी, जैसे कि पर्याप्त भूमि मुआवजा और नौकरी प्रदान करना।
नैयर ने मुख्यमंत्री से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि चंबा ज़िले में एनएचपीसी परियोजनाओं में विस्थापित परिवारों को नौकरियों में पहली प्राथमिकता मिले। चुराह विधायक हंस राज ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एनएचपीसी उन 27 विस्थापित परिवारों को नौकरियों में प्राथमिकता दे, जिनमें से कुछ ने न्याय के लिए अदालत का रुख किया है।
इससे पहले, नैना देवी विधायक रणधीर शर्मा ने विधायकों के प्रश्नों के उत्तर समय पर न दिए जाने पर चिंता जताई। ऊना विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने संदिग्ध निष्ठा वाले अधिकारियों को सेवा विस्तार दिए जाने और उनमें से कितनों के नाम इस सूची से बाहर रखे जाने की जानकारी मांगी थी। मुख्यमंत्री ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि जानकारी मिलते ही उसे उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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