September 1, 2025
Himachal

सरकारी नौकरियों को प्राथमिकता, सीमित उद्योगों से हिमाचल में बेरोजगारी बढ़ी

Priority given to government jobs, limited industries lead to unemployment in Himachal

अप्रैल-जून तिमाही के लिए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) में हिमाचल प्रदेश में युवाओं में सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी दर दर्ज की गई है। 15-29 आयु वर्ग में बेरोज़गारी दर बढ़कर चिंताजनक 29.6 प्रतिशत हो गई है। यह राष्ट्रीय औसत बेरोज़गारी दर 14.6 प्रतिशत से दोगुने से भी ज़्यादा है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में, इस आयु वर्ग में राज्य की बेरोज़गारी दर 19 प्रतिशत थी, जबकि राष्ट्रीय औसत 16.1 प्रतिशत है।

राज्य में कुल बेरोजगारी दर भी बढ़ रही है। विधानसभा में सरकार द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, 2021-22 में बेरोजगारी दर 4 प्रतिशत, 2022-23 में 4.4 प्रतिशत और 2023-34 में 5.4 प्रतिशत थी। श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा, “राज्य भर के रोजगार कार्यालयों में 5,93,457 लाख लोग पंजीकृत हैं। लेकिन ये सभी लोग बेरोजगार नहीं हैं। नौकरी मिलने के बावजूद, कई लोग बेहतर नौकरी पाने या बेरोजगारों के लिए बनाई गई सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की उम्मीद में अपना नाम नहीं कटवाते हैं।”

फिर भी, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही है, विशेषकर युवाओं में, जैसा कि नवीनतम पीएलएफएस से पता चलता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य में सरकारी नौकरियों के प्रति रुझान और निजी क्षेत्र व उद्योगों की सीमित संख्या युवाओं में बेरोजगारी दर को बढ़ा रही है। अर्थशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर राकेश शर्मा ने कहा, “शिक्षित युवाओं का एक बड़ा हिस्सा निजी क्षेत्र में उपलब्ध विकल्पों पर गौर किए बिना सरकारी नौकरियों का इंतज़ार करता रहता है। सरकारी नौकरियों के प्रति यह जुनून 15-29 आयु वर्ग में बढ़ती बेरोजगारी दर का एक प्रमुख कारण है।”

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