September 3, 2025
National

राहुल गांधी के पास ‘हाइड्रोजन बम’ नहीं फुस्‍सी बम होगा : कृष्णा हेगड़े

Rahul Gandhi will not have a ‘hydrogen bomb’ but a dud bomb: Krishna Hegde

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ‘हाइड्रोजन बम’ वाले बयान पर शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने पलटवार किया। उन्‍होंने कहा कि राहुल गांधी के पास ‘हाइड्रोजन बम’ नहीं फुस्‍सी बम होगा।

शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि राहुल गांधी के पास कोई परमाणु बम नहीं है, कोई हाइड्रोजन बम नहीं है, चुनाव आयोग अपना काम सही ढंग से कर रहा है। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र इलेक्शन के दौरान जो डाटा दिया था, सर्वे करने वाली एजेंसी ने कहा कि वह डाटा गलत है। राहुल गांधी का जो पहले वाला ‘एटम बम’ बताया गया था, वह पिछले साल दीपावली का फुस्सी बम निकला। अब राहुल गांधी ‘हाइड्रोजन बम’ बता रहे हैं, वह भी फुस्‍सी बम ही होगा।

कृष्णा हेगड़े ने मराठा आरक्षण आंदोलन पर कहा कि मराठा भाई-बहनों के लिए हमारी सरकार ने लाखों कुनबी प्रमाणपत्र जारी किए हैं। जस्टिस शिंदे समिति भी बनाई गई। इसके अलावा, शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हमारी सरकार जितना काम पहले किसी सरकार ने नहीं किया। हमारे राज्य में कई प्रमुख मराठा नेता मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष रहे, लेकिन किसी ने भी मराठा समुदाय के लिए कुछ नहीं किया।

हेगड़े ने कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस नेता शशि थरूर जब भी देश की प्रगति और उन्नति के लिए बोलते हैं, कांग्रेस पार्टी उन्हें नजरअंदाज कर देती है। प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए वैश्विक डेलिगेशन का नेतृत्व थरूर ने किया था, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें समर्थन नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति देश के लिए अच्छा बोलता है या अच्छे कार्य करता है, उसमें कुछ गलत नहीं है। कांग्रेस में जो प्रधानमंत्री या उनके परिवार को गाली देता है, उसी को महत्व और ऊंचा स्थान मिलता है। शशि थरूर सच्चे, अच्छे और सभ्य इंसान हैं, जो सच ही बोलते हैं।

हेगड़े ने कहा कि इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट के तहत भारत में आने वाले विदेशी नागरिकों की स्क्रूटनी की जाएगी और जो भी डाटा देना है, वह उन्हें देना पड़ेगा। पहले भी विदेशी नागरिक डेटा देते आ रहे हैं, लेकिन अगर कोई नागरिक डेटा देने से इनकार करता है या गलत डेटा देता है, तो उसे डिपोर्ट यानी उसके देश वापस भेज दिया जाएगा। उसके अधिकार उसके खुद के देश के दूतावास के साथ जुड़े होंगे और दूतावास को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।

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