मूसलाधार बारिश और अवरुद्ध सड़कों के बीच, करसोग प्रशासन ने मध्य रात्रि में बचाव कार्य कर मंडी जिले के छतरी गांव की नौ महीने की गर्भवती महिला की जान बचाई।
21 वर्षीय अभिलाषा गंभीर रूप से बीमार थी और बुधवार देर शाम उसे खून की उल्टियाँ होने लगीं। भूस्खलन के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण, उसके परिवार ने उसे लगभग डेढ़ किलोमीटर तक गोद में उठाकर निकटतम सड़क तक पहुँचाया और फिर करसोग सिविल अस्पताल के लिए बेताब यात्रा शुरू की। खंडारगली में एक और भूस्खलन के कारण वे वहीं रुक गए, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और वह वहीं फँस गई।
रात 9 बजे, परिवार करसोग के एसडीएम गौरव महाजन के पास पहुँचा, जिन्होंने तुरंत चिकित्सा और राहत दल दोनों को तैनात किया। बीएमओ डॉ. गोपाल चौहान ने एक आशा कार्यकर्ता को तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए भेजा, जबकि एक एम्बुलेंस और एक जेसीबी मशीन घटनास्थल पर भेजी गई। सड़क साफ़ होने तक ग्रामीणों ने अभिलाषा को आश्रय दिया, जबकि चिकित्सा दल उसके परिवार के साथ लगातार संपर्क में रहा।
आधी रात तक, एक संकरा रास्ता खोलकर उसे सुरक्षित रूप से करसोग के सिविल अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ आपातकालीन व्यवस्थाएँ मौजूद थीं। डॉक्टरों ने उसकी हालत स्थिर कर दी और बाद में उसे उन्नत देखभाल के लिए शिमला रेफर कर दिया गया।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वह अब खतरे से बाहर है। यह साहसिक बचाव कार्य दर्शाता है कि कैसे त्वरित समन्वय और सामुदायिक प्रयास जीवन-मरण की आपात स्थितियों में स्थिति को बदल सकते हैं।
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