राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने गुरुवार को कहा कि चंबा में हाल ही में हुई वर्षा आपदा ने हिमाचल प्रदेश में भविष्य में होने वाली सभी धार्मिक यात्राओं के लिए सख्त मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया है।
नेगी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि ऐसी कोई त्रासदी दोबारा न हो और यात्राएँ अधिक नियमित और सुरक्षित तरीके से संपन्न हों। उन्होंने आगे कहा कि भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों को बाईपास करने के लिए संवेदनशील सड़क खंडों पर छोटी सुरंगें बनाई जानी चाहिए, राजमार्गों पर मज़बूत क्रैश बैरियर लगाए जाने चाहिए और तीर्थयात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सुविधाओं को मज़बूत किया जाना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि सरकार पर्यावरण संबंधी चिंताओं, स्थानीय परंपराओं और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विस्तृत दिशानिर्देश तैयार करेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे विशेषज्ञों, स्थानीय समुदायों और धार्मिक निकायों के परामर्श से दीर्घकालिक समाधानों का अध्ययन करके मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा तैयार करें।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने दावा किया है कि चंबा और भरमौर में हज़ारों लोग मारे गए हैं और सरकार ने जानबूझकर मोबाइल फ़ोन और इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी हैं। उन्होंने दावा किया कि भरमौर और मणिमहेश से 15,000 फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निकालकर 165 से ज़्यादा एचआरटीसी बसों में पठानकोट और कांगड़ा पहुँचाया गया है, जबकि वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने बुज़ुर्गों, घायलों और महिलाओं को हवाई मार्ग से निकाला है।
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