भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और राज्य के राहत कोष आवंटन में संशोधन की मांग करने का आग्रह किया।
हालांकि, जाखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री से समय मांगने से पहले मुख्यमंत्री को मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा के साथ 12,000 करोड़ रुपये के राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के आंकड़े पर सहमति बनानी होगी।
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उसने जन कल्याण को प्राथमिकता देने के बजाय हेलीकॉप्टर यात्राओं और व्यक्तिगत विलासिता पर 12,000 करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए।
बिट्टू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्र के समक्ष प्रस्तुतीकरण के दौरान 1,858 करोड़ रुपये की मांग की थी, जबकि शेष मांग में विभागीय आवंटन शामिल थे, जैसे वन विभाग के लिए 4 करोड़ रुपये।
उन्होंने आगे दावा किया कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा सभी उपायुक्तों के खाते खाली कर दिए गए हैं और प्रधानमंत्री की हाल की पंजाब यात्रा के दौरान वरिष्ठ मंत्रियों हरपाल चीमा और अमन अरोड़ा की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया।
बिट्टू ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री यदि व्यक्तिगत रूप से नहीं आ सकते थे तो प्रधानमंत्री के साथ वर्चुअल माध्यम से शामिल हो सकते थे।’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान सेना और बीएसएफ को अपनी योजनाबद्ध प्रस्तुतियां देने की अनुमति नहीं दी।
उन्होंने इस दृष्टिकोण की तुलना पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के दृष्टिकोण से की और वर्तमान शासन पर पिछली गलतियों को दोहराने का आरोप लगाया।
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