तीन दिवसीय छठा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव रविवार को इंडोनेशिया के बाली में संपन्न हुआ। इस अवसर पर स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि इंडोनेशिया के बाली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ने कुरुक्षेत्र और बाली के बीच सांस्कृतिक विरासत का एक नया अध्याय जोड़ा है। इन सांस्कृतिक मूल्यों को और बढ़ावा देने के लिए, इंडोनेशिया के राज्यपाल ने कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर महर्षि मार्कंडेय के नाम पर एक सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा है।
इससे पहले, स्वामी ज्ञानानंद, हरियाणा के पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, विदेश मंत्रालय की सचिव (दक्षिण) डॉ. नीना मल्होत्रा, हरियाणा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल तथा बाली में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. शशांक विक्रम ने गीता पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इंडोनेशिया सरकार और जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि हरियाणा सरकार, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और जीआईईओ गीता के तत्वावधान में आयोजित यह महोत्सव न केवल एक उत्सव है, बल्कि भारत और इंडोनेशिया के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूत करने का एक माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने की एक नई शुरुआत है।
महाआरती में विभिन्न देशों से आये श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
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