September 15, 2025
National

वक्फ पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से आएंगे सकारात्मक परिणाम : विश्वास सारंग

The Supreme Court’s decision on Wakf will bring positive results: Vishwas Sarang

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ कानून के कई प्रावधानों पर रोक लगा दी है। मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम देगा।

मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “जिस प्रकार से चुनिंदा मुस्लिम नेताओं ने सालों से वक्फ की संपत्ति पर कब्जा कर रखा था, आज उनको झटका लगा है। सरकार ने सकारात्मक निर्णय लिया था। वक्फ की संपत्ति का गरीब बच्चों के लिए इस्तेमाल किया जाना था, लेकिन इसके विपरीत कांग्रेस के चंद मुस्लिम नेताओं ने उस पर कब्जा कर लिया था। हालांकि, जब कानून आया तो उन्हीं के पेट में दर्द हुआ और इसके बाद उन्होंने याचिका लगाई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सरकार की सकारात्मक सोच पर सर्वोच्च अदालत ने मुहर लगाई है। आज एक बार फिर से साबित हुआ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हर वर्ग के हित के लिए काम करती है।”

उन्होंने आगे कहा, “मेरा मानना है कि वक्फ बोर्ड भटक गया था। कांग्रेस के चुनिंदा मुस्लिम नेता धर्म और तुष्टिकरण की राजनीति करते थे। सुप्रीम कोर्ट के सकारात्मक निर्णय से गरीब परिवारों को फायदा होगा। मुझे लगता है कि अगर गरीब मुस्लिम का फायदा होगा तो इसे धर्म पर अटैक नहीं माना जा सकता है। कुछ नेता वक्फ की संपत्ति का इस्तेमाल ऐशो-आराम के लिए करते थे और आज के फैसले से उन्हीं के पेट में दर्द हो रहा है।”

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर पूरी तरह से रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि किसी भी कानून की संवैधानिकता की धारणा होती है और उसे केवल अत्यंत दुर्लभ मामलों में ही रोका जा सकता है। हालांकि, कोर्ट ने वक्फ कानून के कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाई है। अब कलेक्टर को भी प्रॉपर्टी विवाद पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं होगा।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सोमवार को इस मामले में अंतरिम राहत पर फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को फैसला सुरक्षित रखा था। सोमवार को कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि कानून के संपूर्ण प्रावधानों पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं है, लेकिन कुछ धाराओं पर अंतरिम संरक्षण जरूरी है।

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