इस्लामी विद्वान और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि वे अभी इससे संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 को लेकर सवाल उठाए।
मौलाना महमूद मदनी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम पर संसद में बहस चली थी। भाजपा के पास नंबर था और वे इसको लेकर आए। उनकी एक खास मंशा थी। जो प्रोटेक्शन वक्फ संपत्तियों को हासिल है, इसको लेकर पहले के कानून में गड़बड़ करने की कई गुंजाइशें थीं, जिसे नए कानून ने और आसान किया।
मदनी ने कोर्ट के फैसले पर कहा, “वक्फ कानून पर लोग समझ रहे हैं कि अंतरिम राहत मिली है। इसमें एक-दो बातों को मान सकता हूं, लेकिन मेरे लिए वह फैसला संतोषजनक नहीं है।” बिहार चुनाव के बीच वक्फ कानून पर राजनीति को लेकर मौलाना महमूद मदनी ने कहा, “नहीं, इसे चुनाव में मुद्दा बनाना ठीक नहीं है। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।”
क्या राहुल गांधी प्रधानमंत्री बने तो मुसलमान सुरक्षित होंगे? इस सवाल पर मदनी ने कहा, “कौन जाने क्या होगा, हमें कैसे पता चलेगा? जब होगा तब देखेंगे। अभी तो ऐसा कुछ नहीं है, ऐसा कोई संकेत भी नहीं मिला है।”
राहुल गांधी के इमारत-ए-शरिया दौरे पर मदनी कहते हैं, “मेरी राय में उन्हें न तो वहां जाना चाहिए था और न ही ऐसा करना चाहिए था। हालांकि, अब चुनाव आ गए हैं और वोट बटोरने हैं, इसलिए हो सकता है कि वह वोट मांगने के लिए 10 अन्य जगहों पर भी जाते हों, और वह वहां भी गए।”
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के राहुल गांधी की तारीफ करने पर मौलाना महमूद मदनी ने कहा, “मेरे विचार से राहुल गांधी को तारीफ की जरूरत भी नहीं है। वह कौन होते हैं यह तय करने वाले कि कौन जिम्मेदार है और कौन गैरजिम्मेदार? न तो राहुल गांधी और न ही किसी अन्य नेता को पाकिस्तानी क्रिकेटर से तारीफ की जरूरत है।”
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