राज्य सरकार वार्षिक राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए उम्मीदवारों के चयन के मानदंडों और प्रक्रिया में कुछ बदलाव करने पर विचार कर रही है। एक बड़े बदलाव के तहत, अब उम्मीदवारों का पूरा चयन और मूल्यांकन एक राज्य-स्तरीय समिति करेगी। अब तक, ज़िला-स्तरीय समितियाँ पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों के स्कूलों में जाकर उनके छात्रों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती थीं।
एक अधिकारी ने कहा, “अगर एक ही टीम सभी स्कूलों का मूल्यांकन करेगी, तो ज़्यादा एकरूपता और निष्पक्षता आएगी।” उन्होंने आगे कहा, “यह राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया के समान होगा, जहाँ शिक्षक अपने आवेदन भेजते हैं और एक ही टीम सभी उम्मीदवारों का मूल्यांकन करती है।”
सरकार उन शिक्षकों को दिए जाने वाले वेटेज को कम करने पर भी विचार कर रही है जिनके बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और जिन्होंने आदिवासी व दुर्गम इलाकों में सेवा की है। अधिकारी ने कहा, “इन दो मानदंडों के तहत दिए जाने वाले मौजूदा वेटेज के कारण कई अच्छे शिक्षक, जो इन दो मानदंडों को पूरा नहीं करते, पुरस्कार की दौड़ से बाहर हो रहे हैं। इसलिए, विचार यह है कि इन दो मानदंडों के तहत वेटेज को इस स्तर तक कम किया जाना चाहिए कि इन मानदंडों को पूरा न करने वाले अच्छे शिक्षकों को भी पुरस्कार जीतने का उचित मौका मिले।
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