नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत होते ही भीलवाड़ा के गरबा पंडालों में एक अनोखा परिवर्तन देखने को मिला है। हिंदू परंपराओं की मर्यादा और सांस्कृतिक पवित्रता को मजबूत करने के लिए बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और दुर्गा शक्ति संगठनों ने सख्त नियम लागू कर दिए हैं। गरबा महोत्सव में वही लोग प्रवेश पा सकेंगे, जो तिलक लगवाएंगे और आधार कार्ड चेक करवाएंगे।
यही नहीं, शराब पीकर आने वालों और दूसरे धर्म के लोगों के प्रवेश पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
वहीं, प्रवेश द्वार पर दुर्गा शक्ति की महिलाएं और कार्यकर्ता मौजूद हैं। वे गंगाजल छिड़ककर, तिलक लगाकर और आधार कार्ड चेक कर आने-जाने वालों की जांच कर रही हैं। इस व्यवस्था का सीधा उद्देश्य, हिंदू परंपरा को सुरक्षित करना और ‘लव जिहाद’ जैसी गतिविधियों पर लगाम लगाना है।
गरबा के रंगीन माहौल में एक और महत्वपूर्ण बदलाव ने युवाओं का ध्यान खींचा। बजरंग दल के जिला संयोजक सुरेश शर्मा ने बताया कि महिलाओं को केवल पारंपरिक भारतीय पोशाक में ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। जींस और शर्ट पहनकर आने वाली युवतियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने बताया, “उन्हें पहले ही स्पष्ट संदेश दे दिया गया है कि यदि गरबा करना है, तो भारत संस्कृति के अनुरूप परिधान पहनकर ही आना होगा। जगह-जगह पोस्टर लगे हैं कि अराजकता न फैलाई जाए। साथ ही सभी को अपने धर्म को जानने और उसे बढ़ावा देने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
दुर्गा शक्ति अखाड़ा की प्रमुख पदाधिकारी किरण शर्मा ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा, “बजरंग दल, दुर्गा शक्ति संगठनों और दुर्गा वाहिनी के निर्देशानुसार हमने हर प्रतिभागी पर तिलक और आधार कार्ड की छानबीन अनिवार्य कर दी है। बढ़ते ‘लव जिहाद’ के खतरे को भांपते हुए जारी नोटिस हमारी पूरी सहमति के विषय हैं। यह कदम हिंदू समाज की रक्षा के लिए एक मजबूत दीवार का काम करेगा।”
संगठनों ने शराब के सेवन पर भी जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। संदिग्ध व्यक्तियों को तत्काल बाहर कर दिया जाएगा। कई स्थानों पर ऐसे लोगों को लौटाया भी गया, जिससे पंडालों में शांति का वातावरण बना रहा।
गरबा आयोजक अरविंद ने एक निर्णय लिया। उन्होंने मोबाइल फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग पर पूर्ण रोक लगा दी। उन्होंने बताया, “रिकॉर्डिंग का दुरुपयोग अक्सर होता है, जो सामाजिक मर्यादा को ठेस पहुंचाता है और गलत धारणाएं फैलाता है।”
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