हरियाणा के विकास एवं पंचायती राज मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने सोमवार को कहा कि राज्य के नागरिक अब राजस्व क्षेत्र में तेज़, पारदर्शी और कागज़ रहित सेवाओं का अनुभव कर सकेंगे। उन्होंने कागज़ रहित रजिस्ट्री, कागज़ रहित सीमांकन, व्हाट्सएप चैटबॉट और राजस्व न्यायालय निगरानी प्रणाली जैसी प्रमुख डिजिटल पहलों का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र के बाबैन गाँव से इन सेवाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया, जबकि पूरे राज्य में एक साथ ज़िला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए गए। पंवार ने करनाल में ज़िला स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
यहां लघु सचिवालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पंवार ने कहा कि यह पहल हरियाणा में डिजिटल शासन की दिशा में एक बड़ी छलांग है। उन्होंने कहा, “नागरिक अब रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और उन्हें केवल फोटोग्राफ और बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए तहसील कार्यालय जाना होगा। इससे लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा।”
मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि साथ ही शुरू की गई कागज़ रहित सीमांकन प्रक्रिया से लागत में काफ़ी कमी आएगी। उन्होंने आगे कहा, “पहले, हाथ से सीमांकन करने पर किसानों को प्रति एकड़ 10,000 से 15,000 रुपये तक का खर्च आता था। अब, मशीन-आधारित कागज़ रहित सीमांकन से यह लागत घटकर सिर्फ़ 1,000 रुपये प्रति एकड़ रह जाएगी। इसके लिए, सटीकता सुनिश्चित करने हेतु निरंतर संचालित संदर्भ केंद्र (सीओआरएस) स्थापित किए गए हैं।”
सुगमता में सुधार के लिए, भू-मित्र व्हाट्सएप चैटबॉट भी शुरू किया गया है। इसके माध्यम से, नागरिक राजस्व विभाग की सेवाओं की जानकारी सीधे अपने मोबाइल फोन पर प्राप्त कर सकते हैं और अनावश्यक कार्यालयों के चक्कर लगाने से बच सकते हैं। इस कदम को एक मील का पत्थर बताते हुए, पंवार ने कहा, “यह केवल एक विभागीय सुधार नहीं है, बल्कि हरियाणा की डिजिटल क्रांति में एक नए अध्याय की शुरुआत है। ये ऑनलाइन सेवाएँ नागरिकों के द्वार तक दक्षता, पारदर्शिता और सुविधा प्रदान करेंगी, साथ ही भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाएँगी।”
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