October 13, 2025
National

डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को भारत रत्न देने की मांग, जमाल सिद्दीकी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

Jamal Siddiqui writes to the President demanding Bharat Ratna for Dr. Keshav Baliram Hedgewar

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग उठी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे गए पत्र में यह आग्रह किया गया है कि हेडगेवार के राष्ट्र निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदान को सम्मानित किया जाए।

जमाल सिद्दीकी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि डॉ. हेडगेवार न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि राष्ट्रवाद के प्रणेता और संगठन निर्माण की अद्भुत क्षमता रखने वाले दूरदर्शी नेता थे। उनके जीवन और विचारों से आज भी करोड़ों लोग प्रेरणा ले रहे हैं।

डॉ. हेडगेवार का जन्म 1 अप्रैल 1889 को नागपुर में एक साधारण मराठी देसस्थ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन से ही उनमें देशभक्ति की भावना प्रबल थी। स्कूल के दिनों में उन्होंने ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाकर ब्रिटिश शासन का विरोध किया और स्वतंत्रता की मांग को मुखर किया।

चिकित्सा की पढ़ाई के दौरान वे कलकत्ता की अनुशीलन समिति से जुड़े और बंकिमचंद्र चटर्जी व विनायक दामोदर सावरकर जैसे क्रांतिकारी विचारकों से प्रभावित हुए। 1921 में काटोल और भरतवाड़ा में दिए गए उनके भाषणों पर ब्रिटिश सरकार ने उन्हें राजद्रोह के आरोप में एक साल की जेल की सजा दी। इसी तरह 1930 में जंगल सत्याग्रह के दौरान उन्हें 9 महीने का कारावास भी भुगतना पड़ा। बावजूद इसके, वे अपने विचारों से कभी नहीं डिगे और हमेशा कहते रहे, “भारत भारतीयों का है, हम पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करते हैं।”

डॉ. हेडगेवार ने 1925 में नागपुर में आरएसएस की स्थापना की। इस संगठन का उद्देश्य समाज को संगठित कर राष्ट्र को मजबूत बनाना और स्वतंत्र भारत को विभाजनकारी ताकतों से बचाना था। उनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व ने लाखों स्वयंसेवकों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया। आज आरएसएस शिक्षा, आपदा राहत, सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

डॉ. हेडगेवार का निधन 21 जून 1940 को हुआ, लेकिन उनके विचार और संगठन आज भी भारत की सामाजिक और सांस्कृतिक नींव को मजबूत कर रहे हैं।

पत्र में कहा गया है कि स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी, संगठनात्मक कौशल और भारतीय समाज को एकजुट करने की उनकी दृष्टि को देखते हुए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करना पूरी तरह उचित होगा।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने आईएएनएस से कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं। इस शताब्दी वर्ष में मेरे मन में ख्याल आया कि आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत रत्न का पुरस्कार देना चाहिए। हालांकि, यह पुरस्कार भी उनके लिए बहुत छोटा है, लेकिन जिस प्रकार से किसी महापुरुष के चरणों में जब हम श्रद्धांजलि के लिए फूल चढ़ाते हैं, तो उस फूल की कीमत नहीं देखी जाती, उसी प्रकार से जो नमन और श्रद्धांजलि दे रहे हैं अगर भारत रत्न दे कर करेंगे, तो ये सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसी भावना से मैंने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है।”

उन्होंने कहा कि अगर हेडगेवार साहब का विचार हमारे साथ नहीं होता, तो जैसे पाकिस्तान बंट कर अलग देश बना, उसी तरह हमारा भी देश कई बार बंट गया होता। इस देश को एक करने के लिए डॉ. हेडगेवार के विचारधारा को लाखों स्वयंसेवक काम करके देश को एक रख रहे हैं। इसके लिए किसी को विरोध नहीं करना चाहिए।

विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग जो अपने परिवार को अविभाजित नहीं रख पाए, पार्टी को अविभाजित नहीं रख पाए, वे देश को क्या अविभाजित रखेंगे।

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