पूर्व मुख्यमंत्री और नवनियुक्त विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए हरियाणा सरकार पर कड़ा प्रहार किया और आरोप लगाया कि धान की खरीद औने-पौने दामों पर की जा रही है।
घरौंडा और करनाल की अनाज मंडियों के दौरे के दौरान हुड्डा ने किसानों, मजदूरों और आढ़तियों से बातचीत की और देरी से खरीद, अस्वीकृत फसलों और भुगतान में देरी के बारे में उनकी शिकायतें सुनीं।
हुड्डा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “इस मौसम में किसान भारी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। उनकी फसलें समय पर नहीं खरीदी जा रही हैं, एमएसपी का भुगतान नहीं हो रहा है और भुगतान में देरी हो रही है। किसान अंतहीन औपचारिकताओं में फँसे हुए हैं – ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल से लेकर सत्यापन, गेट पर पाबंदी और उठान में देरी तक।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां उच्च नमी या रंगहीन अनाज जैसे तुच्छ आधारों पर धान को अस्वीकार कर रही हैं, जिससे किसानों को अपनी उपज एमएसपी से 500-800 रुपये कम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, “एमएसपी की दरें 200 रुपये, 400 रुपये और यहाँ तक कि 800 रुपये प्रति क्विंटल कम हैं। मैंने जितने भी किसानों से मुलाकात की, उनमें से एक को भी वादा किया गया एमएसपी नहीं मिला। सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है।” उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले धान के लिए 3,100 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया था।
तत्काल राहत की मांग करते हुए हुड्डा ने मांग की कि राज्य सरकार नमी के मानदंडों को 17% से घटाकर 22-24% करे, रंगहीन अनाज की सीमा 5% से बढ़ाकर 10% करे तथा 500 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस घोषित करे।
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