सिरसा सहकारी विपणन एवं प्रसंस्करण समिति लिमिटेड से संबद्ध सहकारी समितियों के नेताओं और सदस्यों ने सिरसा में हैफेड के जिला प्रबंधक को एक ज्ञापन सौंपकर हाल ही में कमीशन में की गई कटौती का विरोध किया और कई संबंधित माँगें उठाईं। अध्यक्ष रोहताश पूनिया, निदेशक जगदीश सिंवर, सुरजाराम और कर्मचारी सतबीर व संजय बेनीवाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हैफेड द्वारा कमीशन दरों में कटौती के फैसले से पूरे हरियाणा में सहकारी समितियों के कर्मचारियों और प्रबंधकों में व्यापक असंतोष है।
अपने संयुक्त बयान में, सदस्यों ने तर्क दिया कि कमीशन में कटौती न केवल समितियों के लिए आर्थिक रूप से हानिकारक है, बल्कि उनके कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के मूल्य का भी अनादर करती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के एकतरफा फैसले सहकारी संस्थाओं की वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा हैं और जमीनी स्तर पर काम करने वालों का मनोबल गिराते हैं। सिरसा के सहकारी कर्मचारियों ने इस फैसले को अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य बताते हुए तुरंत वापस लेने की मांग की है।
ज्ञापन में आगे चेतावनी दी गई है कि अगर उनकी चिंताओं का तुरंत समाधान नहीं किया गया, तो यूनियन विरोध प्रदर्शन या हड़ताल करने के लिए मजबूर होगी, जिसके लिए हैफेड प्रबंधन पूरी तरह से ज़िम्मेदार होगा। नेताओं ने कहा कि उनकी मुख्य माँग हाल ही में दिए गए उस आदेश को रद्द करना है जिसके तहत धान खरीद पर कमीशन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के 0.25 प्रतिशत से घटाकर 1.33 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वे गेहूँ खरीद पर कमीशन को भी 1.33 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर MSP का 0.25 प्रतिशत करने की माँग कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, वे चाहते हैं कि आंगनवाड़ी आपूर्ति के लिए परिवहन शुल्क 70 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए, उर्वरकों पर कमीशन दरों में वृद्धि की जाए तथा उर्वरक आपूर्ति कोटा 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया जाए।
प्रदर्शनकारी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं की जातीं, तब तक पूरे क्षेत्र की सहकारी समितियां आगे की कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो सकती हैं।
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