विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने आज कांग्रेस सरकार पर भय का शासन चलाने, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने और असहमति को अपराध घोषित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने खराब भोजन व्यवस्था का विरोध करने वाली छात्राओं को भी निशाना बनाया है।
ठाकुर ने यहाँ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने आवाज़ उठाने वाले किसी भी व्यक्ति, चाहे वह बच्चे हों, पत्रकार हों या राजनीतिक विरोधी, के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने का एक चलन सा बना लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में, एक सरकारी कार्यक्रम में खाना न मिलने की शिकायत करने पर छात्राओं पर आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया; यह शासन के स्तर का एक नया निचला स्तर है।
उन्होंने कहा, “इन लड़कियों को घंटों बिना खाना दिए धूप में बैठाया गया। जब उन्होंने विरोध किया, तो सरकार ने उन पर एफआईआर दर्ज करके जवाब दिया। यह शासन नहीं, तानाशाही है। जो भी बोलता है उसे चुप करा दिया जाता है, परिवारों को परेशान किया जाता है और सोशल मीडिया का इस्तेमाल सरकार प्रायोजित बदनामी के लिए किया जाता है।”
ठाकुर ने आरोप लगाया कि आपदा राहत कोष का घोर दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए 5,500 करोड़ रुपये में से केवल 300 करोड़ रुपये ही पीड़ितों तक पहुँच पाए हैं। बाकी का कोई हिसाब नहीं है।” उन्होंने चेतावनी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वीकृत 1,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त पैकेज का इस्तेमाल केवल राहत कार्यों के लिए किया जाना चाहिए और इसका दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने राज्य में प्रशासनिक अराजकता की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, ज़िला पुलिस अधीक्षकों और प्रमुख विभागों व विश्वविद्यालयों के प्रमुखों जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अतिरिक्त प्रभार वाले अधिकारियों की तैनाती की गई है। “इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री शासन पर अपनी पकड़ खो चुके हैं। यहाँ तक कि मंत्री भी सरकार से नाखुश हैं, लेकिन खुलकर बोलने से डरते हैं।”
ठाकुर ने राजनीतिक प्रतिशोध के हथियार के रूप में काम करने वाले अधिकारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में सभी फैसलों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने आगे कहा, “सिर्फ़ इसलिए नहीं बख्शा जाएगा कि आपने आदेशों का पालन किया। जनता के लिए काम करो, राजनीतिक आकाओं के लिए नहीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा अपने कार्यों के प्रचार के लिए नियुक्त एक जनसंपर्क एजेंसी, सोशल साइट्स पर फर्जी फेसबुक पेज अकाउंट चलाकर राज्य में भाजपा नेताओं की छवि खराब करने का दुष्प्रचार कर रही है। ऐसे फर्जी फेसबुक पेज अकाउंट के खिलाफ शिमला और नई दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई हैं। पार्टी इस जनसंपर्क एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी और मुख्यमंत्री को भी इसमें पक्ष बनाया जाएगा।
Leave feedback about this