सप्ताह भर चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव का बुधवार को अटल सदन में एक जीवंत और भावपूर्ण समापन समारोह के साथ समापन हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हर साल उत्सव में योगदान देने वाले पारंपरिक बाजा-बजंतरियों (लोक संगीतकारों) के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की।
अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सरकार कुल्लू ज़िले में पेयजल सुविधाओं में सुधार के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी ताकि निवासियों को स्वच्छ और निर्बाध जल आपूर्ति मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि आपदा न्यूनीकरण प्रयासों के लिए 158 करोड़ रुपये पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं।
उन्होंने व्यास नदी के किनारे बाढ़ सुरक्षा उपायों की सफलता पर ज़ोर दिया, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नुकसान को काफ़ी कम किया जा सका है। उन्होंने पूरी हो चुकी परियोजनाओं का ब्यौरा दिया, जिनमें रायसन में 8.73 करोड़ रुपये, मनाली में व्यास नदी के दाहिने किनारे पर 8.65 करोड़ रुपये, वृद्ध आश्रम के पास 8.34 करोड़ रुपये, कुल्लू राफ्टिंग सेंटर में 3 करोड़ रुपये और लंका बेकर में गौशाला के पास 4.35 करोड़ रुपये की परियोजना शामिल है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि बाढ़ सुरक्षा कार्यों के लिए निर्धारित शेष 58 करोड़ रुपये का उपयोग ज़िले में इसी तरह की परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, जो महोत्सव समिति के अध्यक्ष भी हैं, और उपायुक्त तोरुल एस. रवीश और उनकी टीम को भव्य आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “कुल्लू दशहरा हिमाचल प्रदेश की दिव्य संस्कृति, आस्था, एकता और लोक विरासत का जीवंत प्रमाण है।” उन्होंने आगे कहा, “यह न केवल हमारी परंपराओं को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर राज्य की पहचान को भी बढ़ाता है।”
अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार स्थानीय लोगों के लिए पर्यटन और रोज़गार को बढ़ावा देते हुए देव संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस त्योहार को वर्षा आपदा पीड़ितों को समर्पित करने के इस कदम की सराहना की। उन्होंने कहा, “हाल ही में आई आपदाओं से प्रभावित लोगों के प्रति सहानुभूति और सादगी के साथ दशहरा मनाने का निर्णय वास्तव में सराहनीय है।”
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