राज्य में महिला “कृषि उद्यमी” बनाने के प्रयास में, पंजाब का खाद्य प्रसंस्करण विभाग महिला किसानों को मार्गदर्शन देने और लाभदायक कृषि व्यवसाय उद्यमों का प्रबंधन और संचालन करने की उनकी यात्रा में उनकी मदद करने के लिए एक नई पहल शुरू करने के लिए तैयार है।
“बिजनेस बिबास” नामक इस कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ 15 अक्टूबर को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय से किया जाएगा। इस कार्यक्रम में नामांकन कराने वाली महिलाओं को पारंपरिक खेती से हटकर लाभदायक उद्यमों की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा, जिससे स्थायी आजीविका और स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
यह कार्यक्रम खाद्य प्रसंस्करण विभाग की प्रधान सचिव राखी गुप्ता भंडारी के दिमाग की उपज है, जो कहती हैं कि इस कार्यक्रम के माध्यम से महिला किसान निर्णयकर्ता और उद्यमों की मालिक बन जाएंगी।
उन्होंने कहा, “भारत के ग्रामीण परिदृश्य में, कृषि महिलाएँ लंबे समय से खाद्य सुरक्षा, बीज संरक्षण और घरेलू जीविका की मूक संचालक रही हैं। फिर भी, कृषि कार्यों में उनकी गहरी भागीदारी के बावजूद, निर्णय लेने और उद्यम निर्माण में उनकी भागीदारी सीमित ही रही है। इस पहल का उद्देश्य कृषि महिलाओं को उद्यमशीलता कौशल से सशक्त बनाना है। इस परिवर्तन के लिए केवल तकनीकी ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि व्यावसायिक योजना, बाज़ार अभिविन्यास और वित्तीय स्वतंत्रता का भी ज्ञान आवश्यक है। सुव्यवस्थित प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के माध्यम से, कृषि महिलाएँ आत्मविश्वास से भरपूर ‘बिज़नेस बिबा’ बन सकती हैं – ऐसे उद्यमी जो कृषि में निहित हों, लेकिन नवाचार, गुणवत्ता और मूल्य सृजन से प्रेरित हों।”
शुरुआत में, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में पहले से काम कर रहे महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को चुना जाएगा। पंजाब कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. केबी सिंह ने द ट्रिब्यून को बताया, “अगले हफ़्ते लॉन्च के लिए लगभग 30 समूहों को बुलाया गया है।
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