राष्ट्रीय जनता दल के सांसद सुधाकर सिंह ने बिहार चुनाव के पहले चरण की 121 सीटों पर एनडीए और इंडिया ब्लॉक गठबंधन के उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने में देरी पर नाराजगी जताई है। सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है, लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बंधक बना लिया गया है।
अब तक केवल 40 नामांकन दाखिल हुए हैं। इससे ज्यादा तो मुखिया के चुनाव में नामांकन दाखिल होते हैं और चुनाव को लेकर उम्मीदवारों में जोश देखने को मिलता है।
आईएएनएस से बातचीत में राजद सांसद ने बिहार में गठबंधनों की स्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि मौजूदा राजनीतिक गठबंधन सामूहिक विफलता को दर्शाते हैं। राज्य में चुनावी प्रक्रिया प्रभावी रूप से ठप हो गई है। 121 निर्वाचन क्षेत्रों में सामान्य से कम नामांकन हुए हैं। यह दिखाता है कि गठबंधन प्रतिनिधि उम्मीदवारों के चयन में विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एनडीए के लिए नहीं बल्कि मेरे लिए भी है, जिस पार्टी से मैं आता हूं। उन्होंने कहा कि बिहार का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक की ओर से सीएम फेस को लेकर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी तय नहीं करेंगे कि कौन सीएम फेस होगा। यह बिहार की जनता तय करेगी कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर टिकट की मांग को लेकर जदयू विधायक गोपाल मंडल के हंगामे पर राजद सांसद ने कहा कि चुनाव के समय हर दल के शीर्ष नेतृत्व के आवास पर ऐसा नजारा आम है। इसमें परेशानी की क्या बात है? जो चुनाव लड़ना चाहते हैं या नहीं लड़ना चाहते, उन्हें स्पष्ट कर देना चाहिए।
भाजपा के पश्चिम बंगाल में ‘औरंगजेब की सरकार’ वाले बयान पर सुधाकर सिंह ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल में औरंगजेब की सरकार है, तो देश में भी औरंगजेब की सरकार है।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक की ओर से सीट बंटवारे का फॉर्मूला नहीं निकल पाया है। दावा किया जा रहा है कि जल्द ही तस्वीर साफ हो जाएगी।
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