हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग ने शिमला ज़िले के रोहड़ू उप-मंडल में एक 12 वर्षीय दलित लड़के की मौत की घटिया जाँच के लिए एएसआई मंजीत सिंह को निलंबित करने का आदेश दिया है। मंजीत इस मामले के जाँच अधिकारी हैं। आयोग ने इस मामले में डीएसपी रोहड़ू के कामकाज को भी असंतोषजनक पाया है और उनसे स्पष्टीकरण माँगा है।
आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने कहा, “मामले में पुलिस की जाँच संतोषजनक नहीं पाई गई है। शुरुआती जाँच में पुलिस की ढिलाई के कारण जाँच में बाधा आई है।” उन्होंने आज रोहड़ू में स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के साथ इस मामले पर बैठक की। मंगलवार को अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज होने के बाद, मामले में आरोपी महिला की जल्द ही गिरफ्तारी होने की संभावना है।
जाँच से असंतुष्ट, धीमान ने पुलिस जाँच में कई कमियों की ओर इशारा किया। धीमान ने कहा, “जब 20 सितंबर को पहली बार एफआईआर दर्ज की गई थी, तब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया था। मामला जब उच्च न्यायालय पहुँचा, तभी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बावजूद, पुलिस आरोपी महिला को गिरफ्तार करने में विफल रही।”
अध्यक्ष ने आगे बताया कि आयोग ने डीएसपी, रोहड़ू को 1 अक्टूबर को तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था, लेकिन वह निर्धारित समय के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहे।
धीमान ने बताया, “आयोग को डीजीपी कार्यालय से 14 अक्टूबर को रिपोर्ट मिली। स्थानीय पुलिस आयोग के आदेशों का पालन करने में ढिलाई बरत रही है।” उन्होंने बताया कि परिवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से सरकार से 4,12,500 रुपये की आर्थिक सहायता मिली थी।
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