पुलिस ने आज बरामद किए गए 250 मोबाइल फोन उनके असली मालिकों को सौंप दिए। यह रिकवरी एक तकनीक-आधारित ट्रेसिंग पहल के ज़रिए संभव हुई, जिसमें सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) का इस्तेमाल किया गया। CEIR दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा विकसित एक राष्ट्रीय पोर्टल है जो नागरिकों को खोए या चोरी हुए मोबाइल उपकरणों को ट्रैक और ब्लॉक करने में मदद करता है।
एसएसपी अजय गांधी के अनुसार, मोगा पुलिस ने 1 जनवरी, 2025 से अब तक लगभग 1,000 मोबाइल फ़ोनों का सफलतापूर्वक पता लगाया और उन्हें वापस किया है, जिनमें से कई पंजाब के भीतर और बाहर विभिन्न ज़िलों में चोरी या खोए हुए थे। एसएसपी गांधी ने कहा, “यह पुलिसिंग के साथ तकनीक को जोड़कर त्वरित और नागरिक-अनुकूल परिणाम देने के हमारे निरंतर प्रयास का हिस्सा है।”
उन्होंने लोगों को सलाह दी कि अगर उनके फोन खो जाते हैं, तो वे तुरंत CEIR पोर्टल ( https://www.ceir.gov.in ) पर शिकायत दर्ज कराएँ ताकि त्वरित कार्रवाई हो सके। एसएसपी ने यह भी बताया कि इस पहल से न केवल नागरिकों की संपत्ति वापस पाने में मदद मिली है, बल्कि चोरी हुए मोबाइल फोन के अवैध व्यापार पर भी अंकुश लगा है, जिसका इस्तेमाल अक्सर धोखाधड़ी या आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जाता है।
एसएसपी गांधी ने लोगों से आग्रह किया कि पुराने मोबाइल फ़ोन खरीदते समय सावधानी बरतें और विक्रेता द्वारा वैध स्वामित्व प्रमाण और ख़रीद के दस्तावेज़ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने आगाह किया, “संदिग्ध या अज्ञात स्रोतों से फ़ोन न ख़रीदें। बिना उचित दस्तावेज़ों वाला फ़ोन चोरी का हो सकता है और खरीदार को क़ानूनी मुसीबत में डाल सकता है।”
एसएसपी गांधी ने नागरिकों को सलाह दी कि वे अपने पास आने वाले किसी भी लावारिस या छोड़े गए मोबाइल फोन को या तो मूल मालिक (यदि पहचान योग्य हो) के पास या निकटतम पुलिस स्टेशन में जमा करा दें, ताकि पहचान की चोरी या साइबर धोखाधड़ी जैसे संभावित दुरुपयोग को रोका जा सके।
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