महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में सोमवार को स्वाभिमानी शेतकरी संघटना की ओर से किसानों ने जिला कलेक्टर के घर के बाहर आंदोलन किया। किसानों का कहना है कि सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है और हमारा ध्यान भी नहीं दे रही है।
यह आंदोलन उस वादे के विरोध में किया गया था जिसमें सरकार ने कहा था कि राज्य के किसी भी किसान की “काली दिवाली” नहीं होगी। हर किसान के खाते में पैसे जाएंगे, लेकिन अब तक किसानों के बैंक खातों में एक रुपए की भी मदद नहीं पहुंची है, जिसके बाद किसानों ने प्रदर्शन किया।
आंदोलन के दौरान किसानों ने अपने शर्ट उतारकर विरोध प्रदर्शन किया और कलेक्टर के घर तक जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस बीच पुलिस और किसानों के बीच हल्का धक्का-मुक्की का माहौल भी देखने को मिला। विरोध बढ़ने पर पुलिस ने किसानों को हिरासत में लेकर बेगमपुरा पुलिस थाने में ले जाया गया था और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना था कि लगातार हुई मूसलाधार बारिश ने उनकी पूरी फसल बर्बाद कर दी है। सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगाए बैठे किसान अब दीपावली पर अपने घरों में कोई उत्सव नहीं मना पाए हैं। न तो वे अपने बच्चों के लिए नए कपड़े खरीद सकते हैं और न ही मिठाई या दीया खरीदने की स्थिति में हैं।
किसानों का आरोप है कि सरकार ने केवल आश्वासन दिए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई सहायता नहीं पहुंची। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द राहत राशि जारी नहीं की गई, तो आंदोलन और भी बड़ा किया जाएगा।
सरकार किसानों के हित में कोई कार्य नहीं कर रही है। इस वजह से भी किसानों को परेशानी हो रही है। सरकार ने अभी तक किसानों के लिए कोई ऐसा कार्य नहीं किया है जिससे किसानों को कोई फायदा हो। हालांकि, संघटना के नेताओं ने कहा है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार किसानों के खाते में आर्थिक मदद नहीं भेजती।
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