भारतीय क्रिकेटर सरफराज खान का इंडिया-ए टीम में चयन न होने को लेकर राजनीतिक बवाल तेज हो गया है। चयन समिति पर पक्षपात और भेदभाव के आरोप लग रहे हैं। इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद एसटी हसन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि खेलों में समुदाय और जातीय भेदभाव नहीं आना चाहिए, लेकिन मौजूदा हालात ऐसे हैं कि चयन प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।
एसटी हसन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि जिस तरह से भारतीय टीमों में खिलाड़ियों का चयन हो रहा है, उससे यह संदेह होता है कि एक मुसलमान होने के नाते चयन प्रभावित होता है। खेल तो देश के लिए होता है न कि किसी धर्म या समुदाय के लिए।
उन्होंने कहा कि इस सरकार का जो ट्रैक रिकॉर्ड है, वह सबको मालूम है। मुसलमानों को पसंद नहीं किया जाता। अगर बीते 10 साल में मुसलमानों को निशाने पर नहीं लिया जाता और हिंदू-मुस्लिम की राजनीति नहीं होती, तो शायद लोगों के मन में ये बातें नहीं आतीं।
हसन ने कहा कि देश में किसी भी परीक्षा या चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रही है। आज हर जगह सियासत और पैसे का प्रभाव है। खेल भी इससे अछूता नहीं है। सरकार का भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है। अब यह खेल के मैदान तक पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री के हालिया बयान में हलाल सर्टिफिकेट को लेकर उठाए गए सवालों पर एसटी हसन ने स्पष्ट प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुसलमान हलाल मांस ही इस्तेमाल कर सकते हैं। जिस जानवर पर अल्लाह का नाम नहीं लिया गया या हलाल नहीं किया गया, उसका मांस हमारे लिए हराम है। यह हमारी धार्मिक परंपरा है, जिसे कोई नहीं रोक सकता।
एसटी हसन ने कहा कि मुसलमान जब बाहर भी खाना खाने जाते हैं, तो यह सुनिश्चित करते हैं कि खाना हलाल हो। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “बहुत सारे सौंदर्य प्रसाधनों में भी हलाल या हराम का सवाल होता है। लिपस्टिक में भी चर्बी होती है।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरते हुए कहा कि एक तरफ तो वे हलाल सर्टिफिकेट को लेकर बयानबाजी करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हिंदुस्तान से गल्फ देशों में हलाल सर्टिफिकेट के साथ हिंदू व्यापारी मीट का निर्यात कर रहे हैं। इस दोहरे रवैये पर वे क्या कहेंगे?
बिहार चुनाव में महागठबंधन के सीएम चेहरे के ऐलान पर समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने कहा, इंडिया महागठबंधन में महत्वपूर्ण बात यह है कि कांग्रेस और आरजेडी ने अपने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, दोनों उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। एनडीए नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार क्यों नहीं घोषित कर रहा है?
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