मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत कोई भी छात्र छात्रवृत्ति का लाभ पाने से वंचित न रहे। हरियाणा भवन स्थित रेजिडेंट कमिश्नर को संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर उनके द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने और राज्य सरकार के विभागों को सूचित रखने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही स्कूल और कॉलेज के प्रधानाचार्यों को भी विद्यार्थियों को योजनाओं की जानकारी देनी चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके छात्रवृत्ति फॉर्म ऑनलाइन भरे जाएं। मुख्यमंत्री चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय में अनुसूचित जाति/पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं के संबंध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में छात्रवृत्ति योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदर्शित करने वाले सूचना बोर्ड लगाए जाएँ। सैनी ने अधिकारियों को योजनाओं की जमीनी स्तर पर निगरानी करने और सरकार के लिए समीक्षा रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि सरकार का 40 प्रतिशत हिस्सा छात्रों के बैंक खातों में जमा हो, जबकि केंद्र सरकार का शेष हिस्सा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली के माध्यम से सीधे छात्रों के खातों में जमा हो।
उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग ने बताया कि उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण, पशुपालन एवं डेयरी, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान तथा आयुष विभागों द्वारा छात्रवृत्ति योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही हैं। विद्यार्थियों को अपने छात्रवृत्ति आवेदन उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने होते हैं। इसके बाद, संबंधित महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों और विभागों द्वारा आवेदनों का सत्यापन किया जाता है।


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