यमुनानगर जिले के बढ़ी माजरा गाँव में मंगलवार शाम पश्चिमी यमुना नहर पर बने एक पुराने, जर्जर पुल का एक हिस्सा ढहने से एक बड़ा हादसा टल गया। गनीमत रही कि शाम करीब 5 बजे जब पुल ढहा, तब पुल पर कोई नहीं था। अधिकारियों के अनुसार, यह पुल उस जगह के पास स्थित है जहाँ छठ पूजा के अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु दिन में पूजा-अर्चना करने के लिए एकत्रित हुए थे। ऐसा माना जाता है कि कई श्रद्धालु सुबह नहर घाट पर आते-जाते समय इस पुल को पार करते थे।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “पूजा करने के बाद लोग अपने घर लौट गए थे, लेकिन शाम करीब पांच बजे अचानक पुल ढह गया।” प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इमारत गिरने के साथ ही तेज आवाज भी हुई, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। एक ग्रामीण ने बताया, “जब पुल का हिस्सा गिरा तो बहुत तेज आवाज हुई और लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।”
निवासियों ने बताया कि यह पुल काफी समय से उपयोग में नहीं था, क्योंकि कई वर्ष पहले इसके साथ एक नया पुल बनाया गया था। स्थानीय निवासी नवीन कुमार ने कहा, “जब नया पुल बनकर यातायात के लिए खुला तो पुराने पुल को गिरा दिया जाना चाहिए था।” उन्होंने कहा, “अगर यह सुबह के समय गिरता, जब वहां छठ पूजा के लिए सैकड़ों लोग मौजूद थे, तो यह एक बड़ी त्रासदी हो सकती थी।”
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के कार्यकारी अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि इस ढांचे को पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया गया है तथा यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “पुल पुराना था और उस पर यातायात पहले ही बंद कर दिया गया था। ढहे हुए हिस्से का मलबा हटाया जा रहा है।”
अधिकारियों ने साइट को साफ करना तथा आस-पास के क्षेत्रों का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आगे कोई खतरा न रह जाए।


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