लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में शुक्रवार को एनडीआरआई चौक पर राष्ट्रीय एकता और अखंडता के संदेश को बढ़ावा देने के लिए ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में करनाल के विधायक जगमोहन आनंद उपस्थित रहे, जबकि महापौर रेणु बाला गुप्ता विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। सभी अतिथियों ने सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की, जिसके बाद मुख्य अतिथि ने एकता दौड़ को हरी झंडी दिखाई। यह दौड़ एनडीआरआई चौक से शुरू होकर अंबेडकर चौक से होते हुए कर्ण स्टेडियम में समाप्त हुई।
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए विधायक आनंद ने कहा कि सरदार पटेल एक महान दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता को मज़बूत करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने सभी को याद दिलाया कि आज़ादी के बाद 565 रियासतों को एक संयुक्त राष्ट्र में एकीकृत करने में पटेल के नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
उन्होंने कहा , ‘‘आज प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व और प्रेरणा का दिन है क्योंकि हम सरदार पटेल की 150 वीं जयंती मना रहे हैं, जो भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे।’’
विधायक ने कहा कि महात्मा गांधी ने पटेल को उनके दृढ़ निश्चय और असाधारण नेतृत्व के लिए ‘लौह पुरुष’ की उपाधि से सम्मानित किया था। उन्होंने खेड़ा आंदोलन (1918) और बारडोली सत्याग्रह (1928) में पटेल के योगदान को भी याद किया, जिसके कारण उन्हें बारडोली की महिलाओं ने “सरदार” की उपाधि दी थी।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में बोलते हुए आनंद ने कहा, “गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत की एकता का वैश्विक प्रतीक है और उस व्यक्ति को श्रद्धांजलि देता है जिसने अखंड भारत के सपने को साकार किया।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पटेल का जीवन एकता के ज़रिए शक्ति का महत्व सिखाता है और नागरिकों से एक मज़बूत राष्ट्र के निर्माण के लिए उनके आदर्शों को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को राष्ट्रीय एकता की शपथ भी दिलाई।


 
					
					 
																		 
																		 
																		 
																		 
																		 
																		
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