November 3, 2025
Entertainment

सोनाली कुलकर्णी: सात भाषाओं में फिल्में कर दर्शकों के दिलों पर किया राज, शानदार रहा करियर

Sonali Kulkarni: She has won the hearts of audiences by doing films in seven languages, and has had a stellar career.

हिंदी और मराठी फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री सोनाली कुलकर्णी ने भारतीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाई है। पुणे की रहने वाली सोनाली ने अपने करियर की शुरुआत 1992 में कन्नड़ फिल्म ‘चेलुवी’ से की थी।

3 नवंबर 1974 को महाराष्ट्र के पुणे में जन्मीं सोनाली कुलकर्णी के करियर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उन्होंने सात अलग-अलग भाषाओं में काम किया। कन्नड़, मराठी, हिंदी, तमिल, गुजराती, अंग्रेजी और इतालवी में उनकी फिल्मों ने उन्हें सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई। यही कारण है कि उन्हें लोग ‘बहुभाषी सुपरस्टार’ भी कहते हैं। इस बहुभाषी सफर ने उन्हें अलग-अलग फिल्मों और शैलियों में काम करने का मौका दिया। उनके करियर में हिंदी और मराठी फिल्मों के साथ-साथ हॉलीवुड और यूरोप की फिल्में भी शामिल हैं।

सोनाली का बचपन से ही पढ़ाई और अभिनय दोनों में रुचि थी। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया और मराठी साहित्य में स्कॉलरशिप भी मिली। इसके साथ ही सोनाली भरतनाट्यम में भी प्रशिक्षित रही हैं और उन्होंने इसके लिए 11 साल तक कड़ी ट्रेनिंग ली।

शुरुआती दिनों में उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई और एक्टिंग के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की थी। उन्हें यह पहला ऑफर मिलने पर थोड़ी हिचकिचाहट भी हुई थी, क्योंकि उनके मन में क्लास मिस होने का डर था। लेकिन निर्देशक गिरीश कर्नाड के समझाने के बाद उन्होंने फिल्म के लिए हां कर दी। यही फिल्म उनके करियर का पहला कदम साबित हुई, और इसके दमदार अभिनय की वजह से फिल्म ने नेशनल अवॉर्ड जीता और कांस फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित हुई।

सोनाली की पहली मराठी फिल्म ‘मुक्ता’ थी, जो साल 1994 में आई। इसके बाद उन्होंने लगातार मराठी और हिंदी फिल्मों में काम किया। हिंदी फिल्मों में उनका नाम ‘दिल चाहता है’, ‘मिशन कश्मीर’, ‘डरना जरूरी है’, और ‘सिंघम’ जैसी हिट फिल्मों के लिए जाना जाता है। मराठी फिल्मों में उनकी लोकप्रियता भी कम नहीं रही। फिल्में जैसे ‘देवराई’, ‘दोघी’, ‘कैरी’, ‘घराबाहेर’, ‘सखी’, और ‘देऊल’ दर्शकों को काफी पसंद आईं।

सोनाली केवल फिल्मों तक ही सीमित नहीं रहीं। वह एक सफल कॉलमनिस्ट भी हैं। उन्होंने मराठी समाचार पत्र में ‘सो कूल’ नाम का कॉलम लिखा, जिसे पाठकों ने बहुत पसंद किया। उनके लेख इतने मशहूर हुए कि लोग उन्हें उसी नाम से पहचानने लगे।

सोनाली कुलकर्णी को उनके बहुभाषी करियर और अभिनय के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इटालियन फिल्म ‘फुओको दी सु’ के लिए उन्हें 2006 में मिलान फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड मिला। इसके अलावा, उन्हें चार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स और महाराष्ट्र स्टेट फिल्म अवॉर्ड भी मिल चुके हैं। ‘चैत्र’ जैसी फिल्मों को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।

पर्सनल लाइफ की बात करें तो सोनाली की पहली शादी मराठी निर्देशक चंद्रकांत कुलकर्णी से हुई थी, लेकिन बाद में तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने 2010 में नचिकेत पंतवैद्य से शादी की, जो सोनी एंटरटेनमेंट टीवी के हेड हैं। उनकी एक प्यारी बेटी भी है। सोनाली कुलकर्णी आज भी फिल्मों, वेब सीरीज और टीवी में सक्रिय हैं। उनकी बहुभाषी प्रतिभा ने उन्हें भारतीय सिनेमा का एक अनोखा और प्रेरणादायक चेहरा बना दिया है।

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