हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने रविवार को चंबा के चौगान मैदान में 26वीं राज्य स्तरीय वन खेल एवं ड्यूटी मीट-2025 का उद्घाटन किया। विधानसभा अध्यक्ष ने समारोह का ध्वजारोहण किया और प्रतिभागी दलों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्च-पास्ट की सलामी ली। विधायक नीरज नायर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
तीन दिवसीय इस बैठक के दौरान 11 वन वृत्तों, शिमला स्थित वन मुख्यालय और वन्यजीव प्रभाग के 800 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी विभिन्न खेलों और ड्यूटी से संबंधित प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं। प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ देते हुए, पठानिया ने वन संपदा के संरक्षण और संवर्धन में वन विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मज़बूत करते हैं, बल्कि कर्मचारियों के बीच टीम वर्क और आपसी सद्भाव को भी बढ़ावा देते हैं।
सभा को संबोधित करते हुए पठानिया ने जलवायु परिवर्तन को मानवता के लिए एक गंभीर चुनौती बताया तथा इसके प्रभावों को कम करने तथा उससे निपटने के लिए ठोस उपाय करने का आह्वान किया। राज्य सरकार की कल्याणकारी पहलों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 6,000 से अधिक निराश्रित बच्चों का अभिभावक बनकर सरकार ने सामाजिक कल्याण के प्रति गहरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता दिखाई है।
उन्होंने आकांक्षी जिले चम्बा के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक गैर-राजनीतिक, विशेष नीतिगत ढांचे की आवश्यकता पर भी बल दिया।
जलविद्युत परियोजनाओं की समस्या उठाते हुए, पठानिया ने बताया कि जहाँ केंद्र सरकार इस क्षेत्र की परियोजनाओं से अच्छा-खासा राजस्व अर्जित करती है, वहीं राज्य सरकार को अनुपातहीन रूप से बहुत कम हिस्सा मिलता है। उन्होंने चार दशकों से भी ज़्यादा समय से चालू बैरा-स्यूल जलविद्युत परियोजना और उसके बाद बनी चमेरा चरण-I परियोजना का उदाहरण दिया।
अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए वन अधिकार अधिनियम में संशोधन करने के लिए केंद्र से बार-बार आग्रह किया है, लेकिन सकारात्मक प्रतिक्रिया का अभी भी इंतजार है।


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