बम की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए और कैसी तैयारियां होनी चाहिए, यह जांचने के लिए इंफाल एयरपोर्ट पर गुरुवार को वार्षिक मॉक एक्सरसाइज की गई। इस दौरान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की इस मॉक ड्रिल के दौरान एयरपोर्ट से जुड़े सभी प्रमुख विभागों और एजेंसियों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।
सीआईएसएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए बताया कि यह मॉक ड्रिल एक बड़े सुरक्षा अभियान का हिस्सा थी, जिसका मकसद वास्तविक आपात स्थितियों में प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन करना था। अभ्यास के दौरान बम की संभावित धमकी जैसी स्थिति को हूबहू बनाया गया, जिसमें मौके पर मौजूद सुरक्षा बलों की तत्परता, निर्णय क्षमता और समन्वय की कड़ी समीक्षा की गई।
ड्रिल में सीआईएसएफ के अलावा डॉग स्क्वॉड, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस), बैगेज ऑपरेशन इंस्पेक्शन (बीओआई), स्थानीय पुलिस, एयरलाइंस स्टाफ, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के कर्मचारी और फायर सर्विसेज समेत सभी संबंधित इकाइयों ने हिस्सा लिया।
सभी एजेंसियों के बीच समय पर सूचना साझा करने, त्वरित कार्रवाई और समन्वित प्रयासों ने अभ्यास को अत्यंत प्रभावी और सफल बनाया।
अभ्यास के दौरान सुरक्षा कर्मियों ने संदिग्ध वस्तु की पहचान करने, इलाके को खाली कराने, बम स्क्वॉड टीम के निरीक्षण करने और वहां मौजूद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने तक की पूरी प्रक्रिया का अभ्यास किया।
हर चरण को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि वास्तविक परिस्थिति में सर्वोच्च स्तर की तैयारियों को परखा जा सके।
सीआईएसएफ ने बताया कि इस हाई-इंटेंसिटी ड्रिल ने न केवल सुरक्षा प्रोटोकॉल की मजबूती को प्रमाणित किया, बल्कि विभिन्न एजेंसियों के बीच उत्कृष्ट तालमेल को भी प्रदर्शित किया। आपसी समन्वय और तत्काल प्रतिक्रिया के इन अभ्यासों से यह सुनिश्चित होता है कि इंफाल एयरपोर्ट किसी भी उच्च जोखिम वाली स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
ऐसे अभ्यास भविष्य में भी समय-समय पर जारी रहेंगे, जिससे सभी एजेंसियां वास्तविक खतरे की स्थिति में एकजुट होकर प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकें और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


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