भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल दोपहर 12 बजे ‘आदिवासी गौरव यात्रा’ का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री उन आदिवासी बच्चों को सम्मानित करेंगे, जिन्होंने इस साल सरकारी नौकरी हासिल की है या पढ़ाई के क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल अंबाजी मंदिर भी जाएंगे। कार्यक्रम के अनुसार, ‘आदिवासी गौरव यात्रा’ के बाद मुख्यमंत्री दोपहर 1 बजे अंबाजी मंदिर जाकर देवी अम्बा की पूजा-अर्चना करेंगे।
गुजरात में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर भव्य ‘आदिवासी गौरव यात्रा’ का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद जनजातीय गौरव दिवस, 15 नवंबर को एकतानगर में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में राज्य स्तरीय ‘जनजातीय गौरव वर्ष समापन समारोह’ आयोजित किया जाएगा, जिसमें गुजरात के 151 जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों और भगवान बिरसा मुंडा की सफल जीवनियों का वर्णन करने वाली पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर, हम गुजरात में ‘जनजातीय गौरव वर्ष महोत्सव’ उत्साहपूर्वक मना रहे हैं, जिसके अंतर्गत 7 से 13 नवंबर तक राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में जनजातीय गौरव रथ यात्रा का आयोजन किया गया है।”
उन्होंने बताया कि उमरगाम से एकतानगर और अंबाजी से एकतानगर तक, इन दो रास्तों पर आयोजित यात्रा में भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से जुड़ी कहानियां प्रस्तुत की जाएंगी। इसके अलावा, नाटक, सभा, संवाद, भाषण प्रतियोगिताओं जैसे विभिन्न माध्यमों से जनजातीय कल्याण से संबंधित अलग-अलग योजनाओं की जानकारी भी नागरिकों को दी जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने यह भी कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज को एक नई पहचान दी है। आदिवासी समाज ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में भी अपना महान योगदान दिया है, जिसे इस यात्रा के माध्यम से उजागर किया जाएगा।


Leave feedback about this